भीमा मंडावी मर्डर केस: पहली बार NIA के अधिकार क्षेत्र को छत्तीसगढ़ सरकार ने दी SC में दी चुनौती

संक्षेप:

  • छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकार क्षेत्र व एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
  • यह पहली बार हुआ है कि किसी राज्य सरकार की ओर से एनआईए को चुनौती देने वाली याचिका देश के शीर्ष न्यायालय में दाखिल की गई है.
  • इसके पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में इस पर याचिका लगाई गई थी. 

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकार क्षेत्र व एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह पहली बार हुआ है कि किसी राज्य सरकार की ओर से एनआईए को चुनौती देने वाली याचिका देश के शीर्ष न्यायालय में दाखिल की गई है। इसके पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में इस पर याचिका लगाई गई थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया । बाद अब सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। इसमें कहा गया है कि एनआईए पुलिस के अधिकारों में दखल नहीं दे सकती है। इसके साथ ही यह पिटीशन भी दाखिल किया गया है कि छत्तीसगढ़ के किसी भी मामले में जांच करने का अधिकार एनआईए को नहीं मिलना चाहिए। इस संबंध में एडवोकेट जनरल सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि देश् में पहली बार एनआईए एक्ट को चुनौती दी जा रही है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने विधि विरुद्ध क्रियाकलाप, आतंकवाद की घटना सहित अन्य गंभीर अपराध के मामलों की जांच करने के लिए एनआइए को अधिकृत किया है। अधिसूचना जारी कर एनआईए एक्ट बनाकर उनके अधिकार क्षेत्र को निर्धारित किया गया है। इसके तहत केंद्र सरकार ने दंतेवाड़ा के भाजपा विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच एनआईए को सौंपी है। बाद बस्तर निवासी झुमर क्यामी ने एनआइए एक्ट व इसके अधिकार क्षेत्र को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दाखिल की थी।

याचिका में कहा गया था कि एनआईए एक्ट राज्य शासन के अधिकार पर अतिक्रमण कर रहा है। राज्य के अंदर हुए अपराध की जांच राज्य पुलिस को करनी है। केंद्र सरकार ऐसे मामले में कैसे हस्तक्षेप कर सकती है। याचिका पर हाईकोर्ट बिलासपुर के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डबल बेंच में सुनवाई हुई और याचिका खारिज हो गई। हाईकोर्ट के इस फैसले को राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
ज्ञातव्य है कि बिलासपुर हाईकोर्ट के डबल बेंच ने भीमा मंडावी हत्याकांड की एनआईए जांच जारी रखने का आदेश दिया। इस संदर्भ में राज्य सरकार की अपील को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एनआईए एक्ट के अनुसार वह जांच कर सकती है। डबल बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह भीमा मंडावी हत्याकांड के सारे दस्तावेज एनआईए को सौंप दें।

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