छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव: कांग्रेस ने कसी कमर, राजस्थान निकाय चुनाव के नतीज़ों से कांग्रेसियों में उत्साह

संक्षेप:

  • नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस ने नगरीय निकायों के प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गई है
  • पार्टी राज्य सरकार के 11 माह के कार्यकाल में हुए कामों के दम पर चुनाव लड़ेगी
  • राजस्थान निकाय चुनाव के नतीजों ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस में उत्साह भर दिया है

रायपुर: नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस ने नगरीय निकायों के प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गई है, जो बूथ स्तर से लेकर जिला कमेटियों तक के पदाधिकारियों की बैठकर चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। पार्टी का दावा किया है कि वह चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पार्टी राज्य सरकार के 11 माह के कार्यकाल में हुए कामों के दम पर चुनाव लड़ेगी।

विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की। इसके बाद लोकसभा चुनाव 2019 में हुआ, तो कांग्रेस को अपेक्षित सीटें नहीं मिल पाईं। 11 लोकसभा सीटों में से केवल दो सीटों पर ही कब्जा हो पाया। पार्टी के नेताओं का कम से कम सात लोकसभा सीटों पर जीत का दावा था, लेकिन केवल एक सीट बढ़ा पाई। राज्य बनने के बाद से कांग्रेस लोकसभा चुनावों में केवल एक-एक सीट ही जीत रही थी। प्रदेश में बस्तर संभाग की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनावमें दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। इसमें से एक सीट तो भाजपा की थी।

पिछले दिनों राजस्थान के 49 नगरीय निकायों में चुनाव हुए। 23 नगरीय निकायों में कांग्रेस और 18 निकायों में सहयोगी दलों ने कब्जा किया। भाजपा को केवल छह सीटों पर संतुष्ट होना पड़ा। राजस्थान के इस नतीजे ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस में उत्साह भर दिया है।

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अभी तक नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस थोड़ा पीछे है। भाजपा ने न केवल नगरीय निकाय, बल्कि पंचायत चुनावों के लिए भी प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। घोषणापत्र समिति गठित कर दी गई है। कांग्रेस ने घोषणापत्र समिति की सूची तो बना ली है, लेकिन उसकी घोषणा अटकी है।

 

 

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