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Naxal Encounter: 50 घंटे चली गोलीबारी, अबूझमाड़ मुठभेड़ में ढेर हुए 27 माओवादियों का कैसे हुआ खात्मा?
- न्यूज़
- Thursday | 22nd May, 2025
बताया गया है कि सीपीआई (माओवादी) महासचिव बसव राजू और डीकेएसजेडसी व पीएलजीए (पीपुल्स लिबरिला गुरिल्ला आर्मी) के अन्य वरिष्ठ कमांडरों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिली थी।
इसके बाद डीआरजी टीमों ने अबूझमाड़ के जंगलों में यह अभियान शुरू किया।लगभग 5000 वर्ग किमी में फैला अबूझमाड़ क्षेत्र नारायणपुर, बीजापुर, कांकेर और दंतेवाड़ा जिलों में स्थित है।
यह इलाका अपनी दुर्गम और ऊबड़-खाबड़ प्रकृति के कारण माओवादियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना रहा है।
पिछले ढाई वर्षों में सुरक्षा शिविरों की स्थापना और लगातार माओवादी विरोधी अभियानों के कारण माओवादियों का यह गढ़ काफी कमजोर हुआ है। बसवराज से जुड़े प्रमुख हमले 2004- कोरापुट शस्त्रागार लूट: तीन लोग मारे गए थे और लगभग ₹50 करोड़ के अत्याधुनिक हथियार लूटे गए थे।
2005- जहानाबाद जेल ब्रेक: इस घटना में माओवादियों और कुख्यात अपराधियों सहित 389 कैदी फरार हो गए थे।
2010- दंतेवाड़ा हमला: इस हमले में 76 सीआरपीएफ (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) जवान बलिदान हो गए थे।
2013- बस्तर का झीरम घाटी हमला: छत्तीसगढ़ के कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे।
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