उद्योगपति प्रवीण सोमानी का नहीं मिला सुराग, अपहरण कांड को लेकर पांच दिनों से उलझी है पुलिस

संक्षेप:

  • सिलतरा के उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरण कांड को लेकर पुलिस की उलझन बढ़ती जा रही है.
  • पेशेवर अपहरणकर्ताओं को ढूंढने में पुलिस पांचवें दिन भी नाकाम रही.
  • सुराग तो मिलना दूर अब तक यह साफ नहीं हो पाया कि अपहरण करने वाले राज्य में ही हैं या फिर सोमानी को लेकर अपने सुरक्षित ठिकाने पहुंच गए हैं.

रायपुर: सिलतरा के उद्योगपति प्रवीण सोमानी अपहरण कांड को लेकर पुलिस की उलझन बढ़ती जा रही है। पेशेवर अपहरणकर्ताओं को ढूंढने में पुलिस पांचवें दिन भी नाकाम रही। सुराग तो मिलना दूर अब तक यह साफ नहीं हो पाया कि अपहरण करने वाले राज्य में ही हैं या फिर सोमानी को लेकर अपने सुरक्षित ठिकाने पहुंच गए हैं। सोमानी को तलाशने पुलिस टीम पर चौतरफा दबाव बढ़ता जा रहा है। पुलिस के उच्चधिकारियों पर सरकार के लोगों के साथ उद्योगपतियों ने दबाव बनाया है। लिहाजा बड़े अफसर पल-पल का अपडेट आइजी और एसएसपी से ले रहे हैं। दबाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अफसरों ने मीडिया से दूरी बना ली है। वहीं परिजनों, रिश्तेदारों के अलावा फैक्टरी के कर्मचारियों को भी किसी तरह की बातचीत करने से मना किया गया है। रविवार को यह चर्चा सरगर्म रही कि सोमानी को छोड़ने के एवज में प्रोफेशनल गिरोह ने परिजनों से करोड़ों की फिरौती मांगी है। हालांकि पुलिस अफसर फिरौती के संबंध में कोई भी जानकारी देने से बच रहे हैं।

लेनदेन, पारिवारिक झगड़ा नहीं

पुलिस की अब तक की तफ्तीश में यह बात सामने आ रही है कि अपनी मर्जी से प्रवीण के घर छोड़कर जाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। उसका न तो कारोबार से संबंधित लेन-देन का कोई विवाद या पारिवारिक झगड़ा फिलहाल सामने नहीं आया है। लिहाजा पुलिस ने मान लिया है कि प्रवीण का किसी पेशेवर गिरोह ने फिरौती पाने के लिए अपहरण किया है। इधर सोमानी का मोबाइल बंद हालत में घटनास्थल परसुलीडीह में झाड़ियों में पाया गया। पुलिस उसका काल डिटेल निकालकर एक-एक नंबरों की तस्दीक कर रही है।

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आसपास के जिले में सर्चिंग

पुलिस सूत्रों ने बताया कि अपहरणकर्ताओं का अंतिम लोकेशन बिलासपुर इलाके में मिलने के बाद वहां पर दो निरीक्षकों के साथ पांच सदस्यीय टीम ने वहीं पर डेरा डाल दिया है। आसपास के जिलों रायगढ़, अंबिकापुर, बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर, जशपुर में भी पुलिस टीम की सर्चिंग चल रही है। पुलिस का दावा है कि क्लू मिले हैं, पूरी कोशिश है कि अपहरणकर्ताओं के चंगुल से प्रवीण को सुरक्षित बचा लिया जाए। पुलिस को बिहार के सुल्तानपुर के एक पेशेवर गिरोह पर अपहरण करने का शक है। गिरोह के दो लोगों के फूटेज घटनास्थल के अलावा फैक्टरी के बाहर से मिले। दोनों की शिनाख्त कर ली गई है।

कार नंबर फर्जी निकली

अपहरणकर्ताओं के कार का नंबर सीजी 10 सीरिज का कैमरे में कैद हुआ था। जांच में यह नंबर दोपहिया वाहन की निकली। पुलिस का दावा है कि गिरोह ने अपहरण करने अलग-अलग पांच स्थानों पर कार बदला है। अंतिम बार बलौदाबाजार से बिलासपुर की तरफ जाने वाले अंदरूनी रास्ते पर कार दिखी। गिरोह ने भागने के लिए मुख्य मार्ग के बजाए पीएमजीएएसवाय सड़क का इस्तेमाल किया ताकि पुलिस को सुराग नहीं मिल सके। बताया जा रहा है कि कवर्धा के चिल्फी घाटी से मप्र सीमा में यह कार दिखी है। पुलिस आसपास के सुनसान स्थानों के मकान, जंगल, फार्महाउस, आश्रम की जांच कर रही है।

लूटकांड अनसुलझा

तीन साल पहले सिलतरा के कैलाश फैक्टरी में नकाबपोश बदमाशों ने धावा बोलकर मैनेजर के उपर फायरिंग कर लाखों की लूटपाट की थी। यह लूटकांड अब तक अनसुलझा है। पुलिस का शक उन फरार बदमाशों पर भी टिका है। हो सकता है इनके कनेक्शन अपहरणकर्ताओं से जुड़े हो।

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