कबीर समुदाय के संतों ने की स्कूलों में अंडा बंद करने की अपील, कलेक्टर को दिया ज्ञापन

संक्षेप:

  • छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मिड-डे मील में अंडा दिए जाने का समाज के कुछ समुदाय विरोध कर रहे हैं
  • बालोद जिले में सोमवार को संत कबीर समुदाय के लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर स्कूलों में अंडा परोसने का विरोध किया
  • संतों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करेंगे

बालोद/रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मिड-डे मील में अंडा दिए जाने का समाज के कुछ समुदाय विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में बालोद जिले में सोमवार को संत कबीर समुदाय के लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर स्कूलों में अंडा परोसने का विरोध किया। संतों का कहना है कि शिक्षा के मंदिर स्कूल में अंडा दिया जाना गलत है। संतों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे 29 नवंबर के बाद आंदोलन करेंगे।

संतों का कहना है कि बच्चे नादान हैं, समझदारी तो पालकों में होनी चाहिए। उनका तर्क है कि जहां मां सरस्वती की आराधना होती है, उस जगह पर मांसाहार अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे स्कूल का माहौल से खराब होगा। सरकार शाकाहार या पौष्टिक चीजों को बढ़ावा देने के बजाय वह अंडे को बढ़ावा दे रही है। जो गलत है। इससे बच्चों में हिंसा की भावना बढ़ेगी और संस्कारों की कमी आएगी।

संत धर्मदास साहू ने कहा कि आज सरकार बच्चों को अंडा दे रही है। कल स्कूल में उसे मांस और शराब भी दे सकती है। यह गांधी जी का अहिंसावादी देश है। यहां यह नहीं होना चाहिए।

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