`बस्तर अब डर से नहीं, डिजिटल बदलाव से पहचाना जा रहा`, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिल सीएम साय ने दिखाई छत्तीसगढ़ की नई तस्वीर

मुख्यमंत्री साय ने बताया सुरक्षा कैंपों के इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुँच रही हैं।

नियद नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक साथ क्रियान्वित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया।

इन शिविरों में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ में जल संरक्षण के लिए की जा रही योजनाओं और नवाचारों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल संकट से निपटने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है, और जनभागीदारी से लेकर तकनीकी उपायों तक, हर स्तर पर प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं — पहले जहाँ लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ़ 65 दिन ही होती है।

इस बदलते मौसम के असर को देखते हुए राज्य सरकार ने एक अनोखी पहल शुरू की है, जिसका नाम है – जल संरक्षण पहल – सुरक्षित भविष्य का छत्तीसगढ़ मॉडल।इस योजना के तहत गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।

जहां पहले पानी बरसकर बह जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है।

इस काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और जलदूत नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी ज़रूरत है। सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी भागीदारी निभा रही हैं।

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