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`मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा देश`, गृह मंत्री अमित शाह बोले- लड़ाई अब अंतिम चरण में
- न्यूज़
- Sunday | 25th August, 2024
आत्मसमर्पण का मौका देना प्राथमिकता गृह मंत्री ने साफ किया कि नक्सली कैडर को आत्मसमर्पण का मौका देना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार नई सरेंडर पॉलिसी लाने जा रही है और इसका लाभ छत्तीसगढ़ में सक्रिय दूसरे राज्यों के नक्सली भी उठा सकते हैं।
हालांकि आत्मसमर्पण नहीं करने वाले नक्सलियों के सफाए का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने बैठक में नक्सलियों से मुक्त हुए इलाकों मे शत-प्रतिशत लोगों तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का भरोसा दिया।
उन्होंने इन इलाकों में तीन स्तर पर विकास का भरोसा दिया, जिनमें लोगों के व्यक्तिगत से लेकर गांव और क्षेत्र का विकास भी शामिल है। हर हफ्ते ऑपरेशन की होगी समीक्षा शाह ने बैठक में ऑपरेशन और विकास के बीच तालमेल पर जोर दिया।
इसके तहत पुलिस महानिदेशकों को हर हफ्ते नक्सली विरोधी ऑपरेशन की समीक्षा करने और मुख्य सचिवों को हर 15 दिन पर विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करने को कहा गया।
नक्सलियों के सिकुड़ते जनाधार का आंकड़ा पेश करते हुए शाह ने कहा कि 2010 में देश के 107 जिले और 565 थाने नक्सल प्रभावित थे, जोकि अब 42 जिलों और 171 थानों तक सिमटकर रह गए हैं। ये इलाके नक्सलवाद से मुक्त शाह ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान नक्सल विरोधी ऑपरेशन में अहम सफलता मिली है और पिछले 10 सालों में नक्सली मुठभेड़ों 53, सुरक्षा बल के जवानों की मौत में 73 और आम नागरिकों के मारे जाने की वारदातों में 69 प्रतिशत की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि 2019 से 2024 के बीच बिहार, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश नक्सलवाद से मुक्त हो गए जबकि महाराष्ट्र भी एक जिले (गढ़चिरौली) को छोड़कर इस खतरे से मुक्त हो गया है। एसआईए को किया जाएगा मजबूत एनआईए और ईडी ने नक्सलियों के पूरे वित्तीय तंत्र को तोड़ने में मदद की है।
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