Garhwa News: धान की क्यारी में बना दिया 25 फीट ऊंचा पुल! विभाग ने कहा- सब ओके है..

इसी विभाग के कुछ अधिकारियों का मानना है कि किसी पुल निर्माण से पहले हाइड्रोलॉजिकल सर्वे (जल प्रवाह की वैज्ञानिक जांच) जरूरी होता है।

ताकि पता चले कि पानी कितनी ऊंचाई तक आता है, कितना बहाव रहता है और किस डिज़ाइन की आवश्यकता है। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ।

परिणामतः जनता के पैसे का दुरुपयोग हुआ।

रमकंडा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों का कहना है कि इस तरह के निर्माण कार्य सीधे तौर पर सरकारी धन की बर्बादी हैं।

कुछ ने जांच की मांग उठाई है। निर्माण नियमों के अनुकूल पुल का निर्माण नियमों के अनुकूल हो रहा है।

जहां पूर्व में ह्यूम पाइप लगा कलवर्ट था, उसके जगह पुल का निर्माण हो रहा है।

इसमें कुछ गलत नहीं है।

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