Jharkhand: जिस शराब घोटाले को हाईकोर्ट में नकारा, उसी मामले में जांच एजेंसी ने पकड़ा 38 करोड़ का घपला

उमेश कुमार नामक एक व्यक्ति ने झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआइएल) दाखिल कर आरोप लगाया था कि राज्य में लीकर लाइसेंस में मनी का फ्लो हुआ है।मतलब शराब के लाइसेंस के लिए अवैध धन का गलत इस्तेमाल किया गया है।

उसने इससे संबंधित तर्क भी दिया था और न्यायालय से इसकी जांच का आग्रह किया था।पीआइएल पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने आयकर विभाग व झारखंड सरकार को नोटिस कर शपथ पत्र के माध्यम से अपना पक्ष रखने का आदेश दिया। आयकर विभाग की ओर से अपर निदेशक आयकर अन्वेष्ण अमित कुमार ने शपथ पत्र के माध्यम से बताया कि उक्त मामला आयकर से संबंधित नहीं है।वहीं, राज्य सरकार की ओर से उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के उप आयुक्त उत्पाद डॉ. राकेश कुमार ने शपथ पत्र दाखिल कर पीआइएल को झूठा करार दिया और कहा था कि कोई शराब घोटाला नहीं हुआ है। सरकार पहुंची सर्वोच्च न्यायालय, हाई कोर्ट में भी पीआइएल लंबितपीआइएल पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दाखिल किया।

उक्त एसएलपी सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। इधर, एसएलपी दाखिल होने के बाद हाई कोर्ट में भी पीआइएल लंबित है।

हाई कोर्ट ने 27 दिसंबर 2024 को पीआइएल के शिकायतकर्ता उमेश कुमार को हटा दिया है।

कोर्ट इसमें स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है। ।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।