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Jharkhand: झारखंड में JMM को मिल गया BJP के खिलाफ बड़ा हथियार! अब इस मुद्दे पर हेमंत सरकार बिछाएगी जाल
- न्यूज़
- Wednesday | 21st May, 2025
28 में से सिर्फ एक आदिवासी सुरक्षित सीट पर भाजपा प्रत्याशी को सफलता मिली।
टीएसी की बैठक से भाजपा की दूरी पर झामुमो ने कहा है कि भाजपा का कदम आश्चर्यजनक नहीं है। झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को आदिवासियों-मूलवासियों से परेशानी है।
आदिवासी हित की बजाय इनकी नजर सिर्फ आदिवासियों की जमीन पर रहती है।यही कारण है कि रघुवर दास के शासनकाल में सीएनटी-एसपीटी एक्ट से छेड़छाड़ की कोशिश की गई।
प्रबल विरोध के कारण भाजपा अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाई। चंपाई बोले, राज्य सरकार ने तोड़ी परंपरापूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा है कि भाजपा ने आदिवासी परामर्शदातृ समिति (टीएसी) की बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। टीएसी का गठन सदैव राज्यपाल के संरक्षण में करने की परंपरा रही है, जिसे इस राज्य सरकार ने तोड़ दिया है।
कहने को तो यह संस्था आदिवासियों के हित में निर्णय लेकर सरकार को परामर्श देने के लिए बनी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में टीएसी की बैठकों का कुछ खास परिणाम नहीं दिख रहा है।टीएसी में सरकार के पास बहुमत है, लेकिन फिर भी कई वर्षों से पेसा समेत आदिवासी समाज के कई मामलों का फंसे रहना सरकार के ढुलमुल रवैये को दर्शाता है। टीएसी की बैठक में पहला मुद्दा आदिवासी बहुल गांवों में शराब की दुकानें एवं बार खोलने का लाइसेंस देने का है।
सोरेन ने कहा कि अपने सामाजिक जीवन की शुरुआत ही मैंने नशा विरोधी मुहिम से की थी।जिस बैठक में झारखंड की युवा पीढ़ी को नशे के दलदल में धकेलने के दस्तावेजों पर मुहर लगाई जा रही हो, उसमें शामिल होना मेरे लिए संभव नहीं है।यह भी पढ़ें-छवि रंजन और आलमगीर के पड़ोसी बने IAS विनय चौबे, जेल में कैसे कटी रात? आज 2 बड़े अफसर हो सकते हैं सस्पेंड ।
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