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Ram Mandir: राम काज के लिए एकाकार हो रहा देश... लोग कर रहे भारी-भरकम भेंट, कोने-कोने से आ रहे उपहार
- न्यूज़
- Monday | 15th January, 2024
, वडोदरा।
अन्ना हनुमानगढ़ी इल्लाइड? पीछे से यह प्रश्न सुनते ही रितेश पलटते हैं तो पूछने वाले को लगा कि शायद वह कन्नड़ भाषा समझ नहीं पाए, लेकिन रितेश तुरंत एक ई-रिक्शा वाले को बुलाते हैं और सामने खड़े लोगों को हनुमानगढ़ी इस चेतावनी के साथ पहुंचाने को कहते हैं कि पैसे ज्यादा न लेना।
ये कनार्टक के बागलकोट निवासी जे. सोमनाथ हैं, जो छह लोगों के साथ रामनगरी आए हैं।
यह दृश्य गोस्वामी तुलसीदास के उस रामराज को जीवंत करता है, जिसके लिए उन्होंने लिखा- सबु नर करहिं परस्पर प्रीती।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥ भगवान के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के पहले अनुग्रह, भक्त, भाव और भाषा के एकाकार होने के उदाहरण इस समय पग-पग पर हैं।
अयोध्या एक परिधि में बंधा भू-भाग नहीं, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राष्ट्रवाद की वह धरती है, जिस पर सनातन धर्म का कीर्ति स्तंभ टिका है।
श्रीराम ने इसी नगरी से निकलकर जिस तरह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का सूत्रपात किया था, आज पूरा देश पुन: उसी कालखंड को जी रहा है।
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