प्राकृतिक कीटनाशकों से सुरक्षित रहेगा खाद्यान्न, सेहत को नहीं पहुंचेगा नुकसान

शाहजीरा पेट संबंधी समस्याओं और वात रोगों में उपयोगी है, मेलालियूका का तेल रोगाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए जाना जाता है, जबकि लेमनग्रास का तेल अरोमाथेरेपी और फफूंद नाशक के रूप में प्रभावी है। 15 से 20 रुपए की लागतप्रो. दुबे के अनुसार, यह प्राकृतिक कीटनाशक रासायनिक कीटनाशकों की तुलना में न सिर्फ सस्ता है, अधिक प्रभावी और कम मात्रा में बेहतर परिणाम देता है।

मात्र 15 से 20 रुपये की लागत से यह एक क्विंटल खाद्यान्न को कीटों, फफूंद और माइकोटाक्सिन (फफूंद द्वारा उत्पन्न विषाक्त पदार्थ) से सुरक्षित रख सकता है।

चूहों पर किए गए परीक्षणों में इसे पूरी तरह सुरक्षित पाया गया है। स्वास्थ्य के लिहाज से भी सुरक्षितभारत जैसे उष्ण कटिबंधीय देश में, भंडारण के दौरान नमी कीटाणुओं और जहरीली फफूंद की वृद्धि को बढ़ावा देती है।

ये फफूंद माइकोटाक्सिन जैसे हानिकारक रसायन उत्पन्न करती हैं, जो खाद्यान्न के साथ मानव शरीर में प्रवेश कर लिवर, किडनी और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।पारंपरिक रासायनिक कीटनाशक इनका मुकाबला तो करते हैं, लेकिन ये मानव स्वास्थ्य को भी कई तरह से प्रभावित करते हैं।

नया प्राकृतिक कीटनाशक फ्यूमिगेंट (वाष्प के रूप में प्रयुक्त) के रूप में काम करता है, जो खाद्यान्न को कीटों, फफूंद और माइकोटाक्सिन से बचाता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है।

शोध में प्रो. दुबे के साथ डा. भानु प्रकाश, डा. अभिषेक द्विवेदी और डा. शिखा तिवारी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

यह नवाचार न केवल खाद्यान्न सुरक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि किसानों और उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प भी प्रदान करेगा। ।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।