नई पीढ़ी को अन्नकूट की रीत से अवगत कराने हेतु किया विशेष आयोजन, 1008 घरों के मिष्ठान से लगा अन्नकूट का भोग

संक्षेप:

  • नई पीढ़ी को अन्नकूट की रीत से अवगत कराने हेतु किया विशेष आयोजन।
  • 1008 घरों के मिष्ठान से लगा अन्नकूट का भोग।
  • कुल 1148 लोगों ने अपने घर से अन्नकूट की थाली सजाकर लाए।

वाराणसी. काशी में दीपावली के बाद मनाये जाने वाले अन्नकूट महोत्सव में पहली बार घर की रसोई में बने भोग से सजाया गया अन्नकूट मान्यताओं के अनुसार 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर अन्नकूट का पूजन किया गया।

1008 घरों की रसोई के मिष्ठान से लगा अन्नकूट का भोग

पहली बार काशी में घर की रसोई में बने भोग से बारह ज्योतिर्लिंगों के स्वरूप का अन्नकूट भोग लगाने का अवसर मिला। दुर्गाकुंड धर्मसंघ शिक्षा मंडल में स्थित मणीमंदिर में सुबह से ही लोग अपने घरों की रसोई में पकवान, मिष्ठान्न बनाकर थाली में सजाकर मणीमंदिर में जमाकर रहे थे। कुल 1148 लोगों ने अपने घर से अन्नकूट की थाली सजाकर लाए।

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नई पीढ़ी को अन्नकूट के विषय में अवगत कराने हेतु किया विशेष आयोजन

धर्मसंघ के सचिव जगजीतन पाण्डेय ने बताया अन्नकूट महापर्व लोकहित का पर्व है वर्तमान समय में अन्नकूट का पर्व सिर्फ मंदिरों के धार्मिक आयोजन तक ही सीमित रह गया है। ऐसे में अन्नकूट के विषय में नई पीढ़ी को अवगत कराने के उद्देश्य से धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी द्वारा स्थापित "धर्मसंघ शिक्षा मंडल" के मणीमंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंगों के स्वरूप का अन्नकूट काशीवासीयों के घर की रसोई में बने भोग से सजाया गया। जगजीतन जी ने बताया अन्नकूट में भोग लगाने के लिए श्रृद्धालु अपने घर की रसोई में बने सुखे व्यंजनों का भोग बनाकर थाली में सजाकर 26 अक्टूबर को अन्नकूट पर सुबह 9 बजे से ही बजे तक धर्मसंघ के मणीमंदिर में जमा कर रहे थे। घर की रसोई का भोग मंदिर के अन्नकूट प्रसाद के साथ 27 अक्टूबर को श्रद्धालुओं को वापस कर दिया जाएगा। पाण्डेय जी ने बताया श्रद्धालु भक्तों की भोग थाली बदल न जाए इसके लिये विशेष व्यवस्था की गई है।

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