IIT BHU : कचरे से प्रति घंटे 400 वॉट बिजली का होगा उत्पादन, IIT बीएचयू के इंजीनियरों ने `माइक्रोबियल फ्यूल सेल` किया तैयार

हर तरह का कचरे को बिजली में बदलने में समर्थ एक किलोग्राम अपशिष्ट पदार्थ में इस बैक्टीरिया का इस्तेमाल करने से 400 वाट (0.4 किलोवाट घंटा प्रति किलोग्राम) प्रति घंटा बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।

आइआइटी बीएचयू के रासायनिक इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. आरएस सिंह ने बताया कि लैब में इलेक्ट्रोजन बैक्टीरिया हर तरह का कचरे को बिजली में बदलने में समर्थ है।

उत्पादित बिजली को स्टोर करने के लिए माइक्रोबियल फ्यूल सेल (एमएफसी) का माडल तैयार किया गया है। सेल बनाने में 50 प्रतिशत खर्च प्रोटान एक्सचेंज मेंब्रेन पर होता है।

संस्थान के मटेरियल साइंस विभाग के डा. चंदन उपाध्याय की मदद से सस्ता मेंब्रेन भी विकसित किया गया है।

इसकी कीमत बाजार में उपलब्ध मेंब्रेन से 17 गुना कम है और सिर्फ 300 रुपये में सेल तैयार किया गया है। भविष्य में माइक्रोबियल फ्यूल सेल को सामान्य बैट्री में उपयोग किया जा सकता है।

फ्यूल सेल कहीं भी स्थापित किया जा सकता है।

घर में ही अपशिष्ट का उपयोग कर ऊर्जा प्राप्त होगी।

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