Kazzakpura Over Bridge: 32 महीने का काम 68 में भी नहीं हो सका पूरा, आखिर क्यों हो रही है देरी

सेतु निगम ने अपने हिस्से का काम कर दिया है लेकिन रेलवे से लांचिंग स्कीम यानि अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिलने से छठवीं बार मियाद बढ़नी तय हो गई है।

क्योंकि, अंडरपास पर बो स्टिंग गर्डर रखने में कम से कम तीन-चार माह लगते हैं।

राजकीय सेतु निगम का सीना चौड़ा, बो स्ट्रिंग गर्डर बना सवाल राजकीय सेतु निगम कंक्रीट का 92 प्रतिशत काम पूरा कर सीना चौड़ा कर रहा लेकिन अंडरपास पर बो स्ट्रिंग गर्डर रखने का काम कब शुरू होगा यह सवाल बनकर रह गया है।

रेलवे से लांचिंग स्कीम यानि अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं मिलने से काम शुरू नहीं हो पा रहा है।

सितंबर-2019 में कज्जाकपुरा रेलवे ओवरब्रिज का शुभारंभ होने के साथ जून-2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन लापरवाह अफसर एक साल तक आरओबी का खाका खींचते रह गए।

आरओबी बनाने में कितनी जमीन की जरूरत पड़ेगी, कितने मकान जद में आएंगे।

नगर निगम को नाली, जलकल को सीवर और पेयजल पाइपलाइन हटाने और बिजली विभाग को ट्रांसफार्मर और खंभे स्थानांतरित करने में कितने समय लगेंगे।

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