वाराणसी: पूरी नहीं हुई मांगें, पद्मश्री खिलाड़ी की पत्नी ने पुरस्कार लौटाने का किया फैसला और फिर..

संक्षेप:

वाराणसीः हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के परिवार ने प्रदेश सरकार की वादों को झूठा करार देते हुए पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार के अलावा अन्य पुरस्कार वापस किए जाने का फैसला किया। जिसके बाद खेल निदेशालय ने सीधा हस्तक्षेप किया है। निदेशक आरती सिंह ने मोहम्मद शाहिद की पत्नी प्रवीण को फोन कर उनकी हर मांग पूरी करने का आश्वासन दिया है। जिसके लिए खेल निदेशालय के अधिकारी वाराणसी आएंगे।

दरअसल, मोहम्मद शाहिद के दो साल पहले निधन हो गया था, जिसके बाद सरकार की तरफ से उनके नाम पर स्टेडियम का नाम रखने का वादा किया गया था। उनके नाम पर एक नेशनल टूर्नामेंट कराने और बेटे को एक अच्छी नौकरी देने का वादा भी किया गया था। लखनऊ में मोहम्मद शाहिद के नाम पर रखा गया जबकि बेटे को डीरेका में ही नौकरी मिली। हालांकि सरकार ने मोहम्मद शाहिद के नाम पर किसी तरह का कोई टूर्नामेंट नहीं कराया।

इन बातों से नाराज मोहम्मद शाहिद की पत्नी परवीन का कहना है कि मोहम्मद शाहिद बनारस के होने की वजह से उनका नाम बनारस के ही किसी स्टेडियम का नाम उनके नाम पर करना चाहिए। दो दिन पहले वाराणसी के डीएम ने परवीन से मुलाकात कर जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की तरफ से परिवार से कोई संपर्क नहीं किया गया। इस बीच खेल निदेशालय निदेशक आर पी सिंह ने सीधे मोहम्मद शाहिद की पत्नी को फोन कर उनका हालचाल लिया।

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उन्होंने बताया कि खेल निदेशक ने उनकी मांगों के बारे में पूछा और यह भरोसा दिलाया कि जो भी बात होगी उन्हें पूरा किया जाएगा। वाराणसी में स्टेडियम का नाम मोहम्मद शाहिद के नाम से तो नहीं होगा लेकिन नए बन रहे एस्ट्रोटर्फ को शाहिद का नाम दिया जा सकता है। परवीन ने बताया कि खेल निदेशक ने भरोसा दिलाया है कि वह उनके बेटे ट्रांसफर के लिए रेल मंत्रालय से बात करेंगे। परवीन ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे पीएम से मिलकर सारे अवार्ड वापस कर देंगी। दिल्ली जाने के लिए टिकट भी बुक हो गया है।

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