Gyanvapi Case: मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट से मांगा समय, अविमुक्तेश्वरानंद ने राग भोग के लिए दाखिल किया था वाद

संक्षेप:

  • अविमुक्तेश्वरानंद ने शिवलिंग के पूजा पाठ के लिए दाखिल किया वाद।
  • कोर्ट ने नोटिस जारी कर मुस्लिम पक्ष से मांगा जवाब।
  • मुस्लिम पक्ष ने अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट से मांगा समय।

वाराणसी. सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल वाद पर मुस्लिम पक्ष की ओर से बृहस्पतिवार को मुफ्ती-ए-बनारस अब्दुल बातिन नोमानी हाजिर हुए। उन्होंने न्यायालय से अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख पांच अगस्त नियत कर दी है।

शिवलिंग के रागभोग के लिए दाखिल किया था वाद

दरअसल, सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में ज्ञानवापी सर्वे में मिले शिवलिंग के राग भोग पूजन अर्चन के लिए अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से वाद दाखिल किया गया है। इसमें उनकी ओर से दलील दी गई कि देवता बालक के समान होते हैं और उनकी सेवा बच्चे के समान की जानी चाहिए। इसी तर्क के साथ उन्होंने सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग के राग भोग दर्शन पूजन की मांग की।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


कोर्ट ने नोटिस जारी कर मुस्लिम पक्ष से मांगा जवाब

न्यायालय के नोटिस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से मुफ़्ती ए बनारस अब्दुल बातिन नोमानी हाजिर हुए और कहा कि हमारे पास पर्याप्त तथ्य व सबूत हैं। अदालत हमें अपना पक्ष रखने का समय दें तो हम सारी सच्चाई से अवगत करा देंगे। इसके पहले जिला जज की अदालत ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अर्जेंट वाद को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह वाद अर्जेंट अथवा आवश्यक प्रतीत नहीं होता।

वादी ने कहा था कि यह वाद लाने का कारण तब पैदा हुआ जब 16 मई को ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान कोर्ट के संज्ञान में आया कि  भगवान श्री आदि विश्वेश्वर का एक शिवलिंग आराजी न0 9130 में मिला है। जिला जज ने आदेश में कहा था कि यदि प्रकरण इतना आवश्यक प्रकृति का था, तब 16 मई से 31 मई तक वाद प्रस्तुत किया जा सकता था, जब सिविल कोर्ट खुला हुआ था।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles