यूपी में चंदौली, सोनभद्र व मिर्जापुर में चरम पर था नक्सली आंतक, उन्मूलन में नेता जी ने निभाई थी अहम भूमिका

- यूपी में चंदौली, सोनभद्र व मिर्जापुर में चरम पर था नक्सली आंतक।
- उन्मूलन में नेता जी ने निभाई थी अहम भूमिका।
- नकसल प्रभावी क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा।
वाराणसी. समाजवादी पार्टी के संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोनभद्र से भी गहरा लगाव रहा है। वे पिपरी में जिला मुख्यालय बनाना चाहते थे। मुख्यमंत्री रहते उन्होंने रेणुकूट में आयोजित जनसभा के दौरान पिपरी को जिला मुख्यालय बनाने के लिए शिलान्यास भी किया था। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद जिला मुख्यालय लोढ़ी में स्थायी रूप से बन कर तैयार हो गया। जिले में नक्सल उन्मूलन में भी उनकी अहम भूमिका रही है।
नक्सल प्रभावी क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा
सपा जिलाध्यक्ष विजय यादव बताते हैं कि जिस समय सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली में नक्सल चरम पर था, उस समय नेताजी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करके लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया। नवंबर 2004 को चंद्रप्रभा बांध के पास हिनौत पुलिया पर नक्सली घटना हुई थी। हिनौत पुलिया सहित पीएसी की गाड़ी को नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया था।
नक्सलवाद खत्म करने में नेता जी का अहम योगदान – अविनाश कुशवाहा
इस घटना में कई पीएसी के जवान मारे गए थे। इस घटना से दो दिन पहले रेंज ऑफिस को नक्सलियों ने उड़ाया था। इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने नक्सल प्रभावित गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ने के साथ ही कई विकास कार्य कराए। पूर्व विधायक अविनाश कुशवाहा ने कहा कि नेताजी समाज की मुख्यधारा से भटके लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया। जिले से नक्सलवाद खत्म करने में नेताजी का अहम योगदान रहा है।

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