Commonwealth Games: राष्ट्रमंडल खेल में वाराणसी की वेटलिफ्टर पूर्णिमा से पदक की उम्मीद, कहा- इस बार मां से किया वादा निभाना है

संक्षेप:

  • वाराणसी की पूर्णिमा दूसरी बार कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल।
  • बोली- रोजाना दो से चार घंटे करती है अभ्यास।
  • मिशन बर्मिंघम को लेकर काफी उत्साहित है पूर्णिमा।

वाराणसी. दूसरी बार राष्ट्रमंडल खेल में हिस्सा ले रहीं वाराणसी के गाय घाट निवासी वेटलिफ्टर पूर्णिमा पांडेय मिशन बर्मिंघम को लेकर काफी उत्साहित हैं। इंग्लैंड के खेल गांव में पहुंचने के बाद वह खूब पसीना बहा रही हैं। वह इस बार अपनी मां से किए गए वादे को पूरा करना चाहती हैं।

रोज दो से चार घंटे करती है अभ्यास

मां विमला पांडेय बेटी के पोडियम पर टिकने की दुआ कर रही हैं। विमला ने बताया कि बेटी ने इस बार काफी मेहनत की है। पूरी उम्मीद है कि वह इस बार पदक लाएगी। हां अब रंग कौन सा होगा ये तो भगवान ही जाने। बर्मिंघम पहुंच चुकी पूर्णिमा ने फोन पर बताया कि प्रतिदिन दो से चार घंटे अभ्यास कर रही हूं।

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2018 कॉमनवेल्थ में पहली बार हिस्सा लिया था। उस समय काफी नर्वस थी, लेकिन इस बार मां से किया वादा हर हाल में पूरा करूंगी। पिछले एक माह से होटल में रहकर रोजाना दो से चार घंटे अभ्यास कर रही थी। तीन अगस्त को मैच है। अब खेल गांव पहुंच चुकी हूं। कुशल प्रशिक्षकों की देखरेख में तैयारी का मौका मिलेगा।

मिल चुकी है ये उपलब्धियां

(i)        2016 – मलेशिया में स्वर्ण

(ii)       2016 – टोक्यो में कांस्य

(iii)     2017 – गोलकॉस्ट में रजत

(iv)     2018 – गोलकॉस्ट में छठवां स्थान

साथी खिलाड़ियों ने कही ये बात

राष्ट्रीय वेटलिफ्टर सलोनी ने कहा कि बनारस में किसी भी खेल में राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना कठिन होता है। बावजूद पूर्णिमा ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत बन गई हैं। वहीं राष्ट्रीय वेटलिफ्टर पूजा यादव ने कहा कि खेल संसाधनों की कमी के बाद भी भारोत्तोलन में काशी की बेटियां कमाल कर रही हैं। स्वाति सिंह और पूनम यादव के बाद अब पूर्णिमा पांडेय से पदक की उम्मीद है।

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