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एलआईसी को देने ही पड़ेंगे बीमा के पांच लाख रुपये, नॉमिनी को इस वजह क्लेम देने से कर दिया था मना, जानें
- न्यूज़
- Saturday | 20th April, 2024
, वाराणसी।
कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण कार्यालय बंद होने के कारण प्रीमियम जमा करने में हुई देरी को आधार बनाकर बीमा की रकम नॉमिनी को नहीं देने पर जिला उपभोक्ता विवाद (प्रतितोष) आयोग ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को न सिर्फ बीमा की राशि देने का आदेश दिया है, पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
आदेश की तारीख से 30 दिनों के अंदर रुपये नहीं देने पर छह प्रतिशत ब्याज की दर से रकम देनी होगी। यह है पूरा मामला नई बस्ती निवासी श्वेता सिंह के पति प्रवीण सिंह ने 25 जून 2019 को पांच लाख रुपये की एलआईसी की पॉलिसी ली थी।
इसके तहत उन्हें 26 जून 2044 तक 23,814 रुपये वार्षिक प्रीमियम जमा करना था।
नॉमिनी उनकी पत्नी श्वेता सिंह थीं। वर्ष 2020 में कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया।
एलआईसी की ओर से प्रीमियम जमा करने के लिए एक माह का अतिरिक्त समय दिया गया।
प्रवीण को 25 जून 2020 तक प्रीमियम जमा करना था, लेकिन सभी कार्यालय जुलाई 2020 तक बंद थे। कोरोना का प्रकोप कम हुआ तो 25 अगस्त 2020 को उन्होंने विलंब शुल्क के साथ कुल 24,886 रुपये जमा किए।
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