सिटी स्टारः जिदंगी की जंग हार कर चुका था ये शख्स, बचने के बाद बना स्टार एंकर

  • Sonu
  • Saturday | 22nd July, 2017
  • local
संक्षेप:

  • जिदंगी की जंग हार कर चुका था ये शख्स
  • बचने के बाद बना स्टार एंकर
  • अंडे के ठेले पर प्लेटे तक साफ़ की है

कानपुरः इस एंकर ने अंडे के ठेले पर प्लेटे तक साफ़ की है, जब आर्थिक तंगी के कारन पढाई छूट गई घर की जिम्मेदारी पड़ी तो यह पूरी तरह टूट गया और मौत का रास्ता चुन लिया। फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया, किसी तरह जब जान बची तो इसने खुद के हुनर को पहचाना। टीवी एंकर को देखकर मिरर के सामने करता था कॉपी, जब मौका मिला तो इसने धमाल मचा दिया। अब टीवी एक्टर, पालिटिकल इवेंट और कार्पोरेट जगत के नामचीन हस्तियां इनके मुरीद हैं।

कानपुर के निराला नगर में रहने वाले अनुराग श्रीवास्तव (34) का बचपन संघर्षो से भरा रहा है। जब यह एक साल के थे तो इनके नाना नानी ने गोद ले लिया था, नाना के एक भी बेटे नहीं थे तो अनुराग को गोद लेकर उनका पालन पोषण किया। अनुराग के पिता हरियाणा में रहते है लेकिन उनका अनुराग के प्रति लगाव कम था, जब अनुराग 4 साल के थे तो नाना चंद्रका प्रसाद का निधन हो गया। नाना के निधन के बाद आय का स्त्रोत ख़त्म हो गया। नानी चन्द्रकलि ने किसी तरह अनुराग को 10वी तक पढाया, आर्थिक तंगी की वजह से अनुराग की पढाई छूट गई। वह पूरी तरह से टूट गया नानी की बीमारी के लिए अब पैसा कहां से आये।

अनुराग ने बताया कि जब हमारे सामने खाने के लिए एक दाना भी नहीं था तब मैंने एक अंडे के ठेले पर प्लेटे साफ़ की। इसके बदले में मुझे वहां पर एक वक्त का खाना और और कुछ पैसे मिलते थे, जिससे मैं अपनी नानी का इलाज कराता था। इसके बाद मैंने एक शॉप में प्राइवेट नौकरी की और किसी तरह से आगे की पढ़ाई की। इसके बाद नानी का भी निधन हो गया। अब मैं पूरी तरह से अकेला हो गया, मेरे पापा ने मुझसे सभी ताल्लुकात ख़त्म कर लिए थे। मैं बहुत अकेला और तन्हा हो गया तो मैंने मौत का रास्ता चुन लिया और फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। लेकिन मेरे पड़ोसियों ने मुझे फांसी लगाते हुए देख लिया उन्होंने मुझे फंदे से उतार कर अस्पताल में भर्ती कराया। 15 दिनों तक मैं अस्पताल में भर्ती रहा, इसमें सुसाइड में मेरे आंखे भैंगी हो गई।

इसके सदमे से उबरने के बाद मैंने टीवी एंकरों को कॉपी करना शुरू कर दिया। अपने घर पर लगे मिरर पर उन टीवी एंकरों को कॉपी करने लगा, इसके बाद मैंने डीजे में काम करना शुरू कर दिया। जब डीजे का सेटअप लगता तो उसमें एंकरिंग करने वालों में बहुत ही गौर से देखता था। एक बार का वाकया है सोल्जर इवेंट का प्रोग्राम बांदा में था मैं भी वहां पर गया था। उसमें प्रोग्राम में डीजे मालिक हरीश गुरवानी ने एक एंकर को बुलाया था। लेकिन वह मौके पर धोखा दे दिया और वह नहीं आया, तब मैंने हरीश गुरवानी से कहा कि सर मैं इस प्रोग्राम में एंकर का काम करू। एंकर तो आया नहीं है नही आने से तो अच्छा है कि मैं ही एंकरिंग कर दूंगा। उन्होंने इसके लिए हामी भर दिया, जब मैंने एंकरिंग की लोगों ने मुझे बहुत सराहा इससे मेरा आत्मबल बढ़ गया। इसके बाद मैंने पीछे मुर कर नहीं देखा। मेरे पास काम की भरमार लग गई।

इस काम में मेरी पत्नी दीपमाला ने बहुत साथ दिया मेरी एक बेटी है जिसे मैं बेटे की तरह पाल रहा हूं। मैं कई पालिटिकल इवेंट, कार्पोरेट जगत के इवेंट और कई टीवी स्टारों के साथ भी काम कर चूका हूं। जिसमें भाभी जी घर पर हैं के दरोगा हप्पू सिंह, सक्सेना जी, राजू श्रीवास्तव समेत कई सेलिब्रेटी मेरे साथी है।

इसके साथ ही कई बड़े नेताओं के प्रोग्राम की भी एंकरिग कर चूका हूं। इसके साथ ही इंजिनियरिंग कॉलेज के एनुअल फंसन के भी ऑफर आते रहते है। अभी कुछ दिन पहले ही हरियाणा महोत्सव की भी एंकरिंग की है।

Related Articles