CITY Star: पंडित पुलकित ने नृत्य में महारथ हासिल कर देश-विदेश में बढ़ाया भारत का गौरव

  • Pinki
  • Saturday | 16th September, 2017
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संक्षेप:

  • पंडित पुलकित महाराज ने कथक नृत्य में की महारथ हासिल
  • कथक नृत्य के जरिए देश विदेश में भारत का बढ़ाया गौरव
  • पंडित बिरजू महाराज जी को मानते है अपना गुरु

गाजियाबादः डांस.. एक ऐसा शब्द जो आपके हर इंसान के रग-रग में समाया हुआ। इसे एक क्रिया भी बोल सकते है और एक विशेष व्यायाम.. जिससे सभी दुख, टेंशन दूर हो जाते है और खुशी दोगुनी हो जाती है। इसी डांस में महारत हासिल करने वालो में से एक पंडित पुलकित महाराज भी है, जो लोगों को डांस सिखाकर अपने शौक और जरूरत को पूरा करते है। डांसिंग का शौक और हुनर ने आज इन्हें CITY Star में शामिल कर दिया है। पंडित पुलकित महाराज जिन्होंने कथक नृत्य में महारथ हासिल कर देश विदेश में भारत का गौरव बढ़ाया है और ये सब इन्होंने पंडित बिरजू महाराज जी जो कि इनके गुरु भी है। जिनसे पंडित पुलकित महाराज जी ने कथक नृत्य का शिक्षण ग्रहण किया है।जो कि कथक नृत्य लखनऊ घराने से परिचय रखते है और लखनऊ कथक घराने की परंपरा को एक युवा गुरु के रूप में आगे बढ़ा रहे है। इनका साहिबाबाद के शालीमार गार्डन में डांसिंग इंस्टीटूट भी है, जहां ये लोगों को डांस सिखाते है।

सवाल- अपने बारे में बताईये ?

जवाब- मेरा नाम पंडित पुलकित महाराज है। मैं पंडित बिरजू महाराज जी का शिष्य हूं और कथक नृत्य सिखाता हूं। लखनऊ घराने से मैं परिचय रखता हूँ और लखनऊ कथक घराने की परंपरा को आगे बढ़ाने वाला युवा गुरु हूं।

सवाल- इस मुकाम को हासिल करने के लिए कितना मुश्किल रहा आपका सफर ?

जवाब- देखिए मेरा मानना है कि हमारा जीवन एक संघर्ष है और इस जीवन के लिए हर कोई संघर्ष करता है। कोई किसी रास्ते से तो कोई किसी तरीके से लेकिन करते ज़रूर है। क्योंकि बिना संघर्ष किये इस दुनिया में कुछ नही मिलता और रही बात मेरे संघर्ष की तो जब मैंने यह नृत्य सीखना शुरू किया था तो मेरी उम्र महज़ 10 वर्ष थी। मैं एक पुलिस बैकग्राउंड से बिलॉग करता हूँ और जिनके पिता पुलिस में होते है। उनके बच्चों पर कितनी बाउंडेशन और स्ट्रिक्टनेस होती है सभी को पता है।

डांस और म्यूजिक को फालतू समझते थे। उस वक़्त मैं छोटा था और जब भी बिरजू महाराज जी को टीवी पर देखा करता था। कभी कृष बनके डांस करते थे, कभी कुछ तो मैं सोचता था मैं क्यों ऐसे डांस नहीं कर सकता। मुझे भी ऐसे डांस करना है। फिर एक बार अखबार में उनका ऐड देखा और जहां मैंने भैया से एक पत्र लिखवाकर उस एड्रेस पर सेंड कर दिया। जिसके बाद फिर मुझे दिल्ली से फ़ोन भी आया। जिसके बाद मेरे पिताजी ने मेरी बहुत पिटाई की।

मैंने अपनी मां से कहा कि मुझे जाने दो फिर मां ने कहा कि जाना है, तो अकेले जाओ। जिसके बाद मेरी मां ने मझे 1000 रुपये दिया और मैं घर से बाहर दिल्ली की ओर रुख किया। ये बात 1993 की है। फिर मैं दिल्ली बिरजू महाराज जी यहां गया और फिर मैंने इंटरव्यू क्लियर किया और मेरा फर्स्ट राउंड क्लियर हो गया। बस फिर बिरजू महाराज ने मुझे अपने पास रखा और शिक्षित किया। जिसके बाद आज हम पूरी दुनिया मैं मशहूर है और अबतक करीब 35-40 कंट्रीज़ में परफॉर्म कर चुके है। काफी सारे अवार्ड्स भी मिल चुके है और अभी हाल ही में कला गौरव मिला मानीय प्रणब मुखर्जी से।

सवाल- डांसर बनने की प्रेरणा आपको कहां से मिली ?

जवाब- देखिए इसकी प्रेणना मझे मेरी माताजी से ही मिली है। मेरी माताजी जी बहुत अच्छा नृत्य करती है और जब भी घर मे या पड़ोस में कोई फंक्शन होता था तो मेरी माताजी नृत्य करती रही उस वक़्त मैं बहुत छोटा था। यहीं कोई लगभग 5,6 साल का तो अपनी मां को नृत्य करते देख मुझे भी नृत्य करने का मन करता था। मन में नृत्य को लेकर एक अलग ही भावना उत्पन होती थी। और शायद ये डांस का जुनून मेरे खून में ही था जो मुझे मेरी माताजी से मिला।

सवाल- NYOOOZ के माध्यम से डांस की दुनिया में उभरते यंग टैलेंट को आप संदेश देना चाहेंगे ?

जवाब- देखिए अगर आप कथक डांस करना चाहते है तो ये भारतीय संस्कृति का अभिन्न भाग है और यह एक ऐसा नृत्य है जिसका शिक्षण करने से मनुष्य में संस्कार आते है। जब इंसान के अंदर संस्कार आएंगे तो वो अपने आप को बहुत आगे पाता है। भारतीय संस्कृति तो ऐसी संस्कृति है जिसे हम सबको आगे लेकर जाना चाहिए। आजकल युवाओं का धयान ज़्यादातर पश्चिमी सभ्यता की ओर ज़्यादा है। जो हमारे आने वाले भारत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए अपनी संस्कृति को अपनाइए और दुनियाभर में भारत का नाम रोशन करिए।

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