बच्चों में डर की भावना खत्म करना अच्छे टीचर की पहचान- सुरेंद्र कुमार

  • Pinki
  • Monday | 19th June, 2017
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संक्षेप:

  • साहिबाबाद के कोणार्क पब्लिक स्कूल में है पढ़ाते है सुरेंद्र कुमार
  • सुरेंद्र कुमार गणित के टीचर, बच्चों के बने हीरो  
  • अच्छे और बुरे की बीच समझ होना बच्चों में बेहद जरूरी- सुरेंद्र कुमार

अध्यापक विद्यार्थी के जीवन में वो दीपक होता है, जो उनका जीवन नैतिकता और गुणी बातों से भर देता है। एक विधार्थी के जीवन में मार्गदर्शक की तरह काम करने वाले कोणार्क पब्लिक स्कूल, साहिबाबाद के गणित के टीचर डॉ. सुरेंद्र कुमार से NYOOOZ ने की खास बात-चीत।

सवाल- आपका स्टूडेंट्स और समाज के प्रति क्या फर्ज़ है ?

जवाब स्टूडेंट्स ओर समाज के प्रति मेरा फर्ज है कि बच्चे का पूर्ण विकास हो जिससे अपनों के साथ-साथ समाज को भी एक विकसित युवक या युवती उपहार के रूप में मिले, जो समाज के लिए अच्छा सोचने के साथ-साथ कुछ अच्छा कर भी सके। एक शिक्षक का फर्ज होता है कि वह अपने स्टूडेंट्स को शिक्षा के अलावा मानवता के रास्ते पर चलना के ज्ञान से भी प्रज्वलित करें। जिससे आगे चलकर बच्चे अच्छे इंसान बन सके।

सवाल- जो बच्चे पढ़ाई से दूर भागते है, आप किस तरह उनकी मदद करते है?

जवाब- बच्चों की मदद करने के लिए पहले उनकी वीक पॉइंट पता होना चाहिए, क्योंकि अगर टीचर को बच्चें की कमज़ोरी का पता होता है, तो way to handle मतलब डील करने का तरीका भी पता होता है। टीचर और स्टूडेंट के बीच डर नहीं होना चाहिए, क्योंकि डर की भावना से बच्चे कुछ भी पूछने में हिचकिचाते है और पढ़ाई से संबंधित परेशानी सुलझने के बजाय और उलझती जाती है। इसलिए यह शिक्षकों का फर्ज बनता है कि वह अपने स्टूडेंट्स के मन में अपने प्रति डर की भावना को उत्पन न होने दे।

सवाल- बच्चें अक्सर असंगत में पड़ जाते है, ऐसे में उनको किस तरह समझाया जाए ?

जवाब- ऐसी परेशानियो से बच्चों को बचाने के लिए पहले के टाइम में नैतिक शिक्षा नामक किताब पढ़ाई जाती थी। जिसे आज के टाइम में मोरल साइंस कहा जाता है। स्कूलों में पढ़ाना काफी कम हो गया है। जिसकी वजह से आज के दौर के बच्चे भटक जाते है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए, यह शिक्षकों का फर्ज है कि वह अपने विद्यार्थियों को सही-गलत, अच्छा-बुरे के बीच का फर्क बताना चाहिए। जिससे बुरा वक्त में बच्चें सही फैसला कर सके और नेगेटिव लोगो से दूरी बनाकर रख सके।

सवाल- NYOOOZ के माध्यम से आप बच्चों से क्या कहना चाहते है ?

जवाब- NYOOOZ के माध्यम से मैं यही कहना चाहूंगा कि स्टूडेंट्स को अपने टीचर्स के प्रति आदर भाव रखना चाहिए, न कि कोई हीनभावना जैसा कि आजकल ज़्यादातर बच्चे रखते है। क्योंकि जब तक आप अपने गुरु का आदर नही करेंगे, तब तक आप कुछ भी नही सिख पाएंगे और बिना शिक्षा के जीवन बिन जल मछली के समान होता है। इसलिए यही जीवन में कुछ पाना है और कुछ अच्छा काम करना है तो पहले अपने गुरु के प्रति अपना कर्तव्य निभाना सीखना होगा।

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