कानपुर के सूरज नारायण पाण्डेय पार्कों को गोद लेकर करते हैं सौन्दर्यीकरण

  • Aditi
  • Sunday | 9th July, 2017
  • local
संक्षेप:

  • बर्रा इलाके में 1982 में बना पार्क
  • पार्क में कूड़ा-करकट फेंकने लगे लोग
  • सूरज नारायण पाण्डेय ने लिया पार्क को गोद

कानपुर- 27 साल के इस युवक ने खस्ता हाल पार्क को गोद लेकर इसकी सूरत बदली, वन महोत्सव के मौके पर एक हजार पौधों का वृक्षारोपण किया।

जिसके हौसले बुलंद हो वह मुकाम पर पहुंच ही जाता है। NYOOOZ की टीम बर्रा थाना क्षेत्र के बर्रा-दो इलाके में रहने वाले शारदा नारायण पाण्डेय से खास बातचीत किया। परिवार में पत्नी उर्मिला पाण्डेय बड़े बेटे विनोद पाण्डेय और छोटे बेटे सूरज नारायण पाण्डेय के साथ रहते हैl

सूरज नारायण पाण्डेय पोस्ट ग्रजुएट है इनकी भारत की आजादी और देश के इतिहास के विषय में अच्छी रूचि हैl बेबाकी से अपनी बात सबके सामने रखने में महारत हासिल हैl

उन्होंने NYOOOZ को बताया कि बर्रा के इस इलाके में केडीए ने 1978 में कालोनियों और पार्क के निर्माण का कार्य शुरू कराया थाl 1982 में सभी को कालोनी एलाट हो गई थी, केडीए ने कालोनी में पार्क की भी व्यवस्था की थी लेकिन जब से मैंने होश संभाला मैंने देखा पार्क में कूड़े का पहाड़ लगा रहता था।

यह कूड़ा बरसात के दिनों में सड़ता था और बदबू के कारन साँस लेना भी मुश्किल हो जाता थाl आवारा जानवरों का यह पार्क घर था पार्क की बाउंड्री में लगे ईट सभी उठा ले गए थेl मेरे उम्र के लड़के और मै पूरे दिन घरो में कैद रहते थेl इसकी वजह थी कि कहीं भी खेलने की जगह नहीं थीl पूरे मोहल्ले का कूड़ा-करकट पार्क में फेंका जाता थाl मैंने कई बार अपनी माँ से जिज्ञासावश पूछा भी माँ यह पार्क इतना गन्दा क्यों रहता है?इस सब के बीच पार्क पर कब्ज़ा करने वालो की हम लोगो पर टेढ़ी नजर थी। इसके लिए मैंने तीन साल तक नगर निगम और उद्धान विभाग के चक्कर लगाये ताकि इस पार्क को हम लोग गोद ले सके। लेकिन इसके लिए विभाग से कहा गया कि आप को एक कमिटी बनानी पड़ेगीl

उसका रजिस्ट्रार ऑफिस से रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा। इसके बाद हम लोगों जय श्री राम मित्र सेवा समिति नाम से कमिटी बनाई। जिसमे पदाधिकारी नियुक्त किये। इस जद्दोजहद के बाद 18 जून 2016 को नगर निगम यह पार्क हमारी कमिटी के नाम गोदनामा कर दिया। अब इस पार्क में हरे भरे पेड़ पौधे लगे है हमने इस पार्क में जल सरक्षण की भी व्यवस्था की है इस पार्क किआ पानी व्यर्थ नही जाता बल्कि पूरा पानी पार्क में ही सोख जाता है।

उन्होंने बताया कि अब मै कई और पार्को के सुन्दरीकरण के लिए भी प्रयास कर रहा हूँ। खस्ता हाल पड़े पार्क को सुधारने के लिए मैंने वहा पर रहने वालो लोगो से भी बात की है। यह काम अभी प्रासेज पर है लेकिन मुझे पूरा यकींन है कि लोग मेरी बात को समझेगे। बहुत ही जल्द उन पार्को की भी स्थिति में सुधार हो जायेगा।

उन्होंने बताया कि वन महोत्सव के मौके पर अपने पार्क समेत पूरे कानपुर दक्षिण में लगभग एक हजार पौधे लगवाये है। यह सिलसिला अभी जारी है मै उन पौधों की देखभाल के लिए भी अक्सर जाता रहता हूं।

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