मेरठ : चेतन राणा ने दिव्यांग होने के बावजूद छुआ आसमां

  • Pinki
  • Thursday | 28th December, 2017
  • local
संक्षेप:

  • सकारात्मक सोच बनी चेतना राणा की ताकत
  • शूटिंग में कड़ी मेहनत के बाद जीते गोल्ड मेडल
  • राष्ट्रीय स्तर पर पैरा शूटिंग चैम्पियनशिप में जीता पदक

मेरठ :  अगर जीवन में सकारात्मक सोच हो तो मुश्किलें बेहद कम लगने लगती हैं. ऐसी ही एक कहानी है मेरठ के चेतन राणा की. इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, इसे साबित किया है इस 17 साल के दिव्यांग ने. चेतन राणा गंभीर बीमारी के चलते कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया. दोनों पैरों से लाचार होने के बावजूद चेतन ने लाचारी की परिभाषा ही बदलकर रख दी. इस लड़के ने सारी बाधाओं को पार करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर शूटिंग के क्षेत्र में कामयाबी के झंडे फहरा दिए.

मुश्किलों को मात देकर राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने वाले इस शख्स की रियल स्टोरी सभी को प्रेरणा देती है. दरअसल, चेतन राणा जन्म से ही दिव्यांग हैं. जन्म से ही वो ऐसे बीमारी से ग्रसित हुआ कि कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया. व्हील चेयर उसकी जिन्दगी बन गई. लेकिन कहते हैं न जहां चाह वहां राह. चेतन ने सोचा कि बैठे-बैठे दिन नहीं बदलने वाला. उसने शूटिंग के क्षेत्र में नाम रोशन करने की ठानी. 15 साल की उम्र में चेतन ने शूटिंग खेल में करिअर बनाने की राह चुनी. एक साल बाद ही वो राष्ट्रीय स्तर पर खेलने गया, लेकिन उतनी कामयाबी नहीं मिल पाई.

चेतन ने हार नहीं मानी. शूटिंग में अपनी गलतियों को सुधारा और इस बार उसने मेडल की झड़ी लगा दी. केरल में आयोजित हुई राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप में उसने अलग-अलग इवेंट में दो गोल्ड और सीनियर वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर कामयाबी की उड़ान भर ली है. चेतन का सपना ओलम्पिक में भारत का तिरंगा विश्व स्तर पर फहराना है. चेतन के पिता सूरजवीर बेटे की इस कामयाबी से ख़ुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. उनका कहना है कि जन्म से ही वजूद के लिए संघर्ष कर रहे चेतन को एक बार डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि ऑपरेशन के बाद हो सकता है कि उसका उपर का हिस्सा काम न करे. पूरा परिवार निराश हो गया था. लेकिन चेतन ने हिम्मत नहीं हारी. उसने अपनी हिम्मत के दम पर ये कामयाबी हासिल की है.

वहीं चेतन के कोच का कहना है कि उन्होंने चेतन का हौसला बढ़ाया और आज नतीज़ा सबके सामने है. चेतन के कोच विवेक आत्रे का कहना है कि वो दिव्यांगों को निशुल्क ट्रेनिंग देते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर पैरा शूटिंग चैम्पियनशिप में पदक जीतकर चेतन ने प्रदेश को गौरवान्वित किया है. यूथ जूनियर और सीनियर वर्ग की अलग-अलग स्पर्धाओं में उसने मेडल्स जीते और ये सब सम्भव हो सका है सिर्फ और सिर्फ आत्मविश्वास से.

Related Articles