मेरठ के शहजर रिजवी ने निशाने बाज़ी में जीते हैं कई गोल्ड मेडल

  • Pinki
  • Saturday | 4th November, 2017
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संक्षेप:

  • शहजर रिजवी ने गुलेल से सीखा निशाना लगाना
  • मेरठ के शहजर रिजवी ने तमाम रिकॉर्ड किए अपने नाम
  • ऑस्टेलिया कॉमनवेल्थ शूटिंग चैम्पियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

मेरठ- कंगारूओ की जमी पर अचूक निशाना लगाकर तिरंगा लहराने वाले मेरठी शहजर रिजवी ने गुलेल से सटीक निशाना लगाना सीखा। बचपन में वह गुलेल चलाने में माहिर था। गुलेल से सटीक निशाना साधने वाला शहजर आज मेरठ का नाम रोशन कर रहा है और विदेशी धरती पर उन्होने 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड पर निशाना साधकर उन्होने भारत की शान बढ़ाई है। एनसीसी कैंप में टारगेट पर अचूक निशाना लगाकर उन्होने शूटिंग में कदम रखा।

छोटा मवाना निवासी शहजर रिजवी ने विदेशी जमीन पर तमाम खिताब अपने नाम किए हैं, इरान में एशिया शूटिंग चैंम्पियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट भी बन चुके हैं। पिछले दो सालों से लगातार नेशनल मेडलिस्ट हैं। बुधवार को ऑस्टेलिया में हुई काॅमनवेल्थ शूटिंग चैम्यिनशिप में 600 में से 581 का स्कोर बनाकर उन्होने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। 

शहजर रिजवी ने फोन पर बताया कि शूटिंग में गोल्ड मेडल हासिल करके बहुत अच्छा लग रहा है और घर पहुंचने कर अपने परिवार से मिलने की बस जल्दी है। इसके साथ ही मेरा टारगेट अब 10वीं एशियन एयरगन चैम्पियनशिप जोकि जापान में दिसंबर में होने जा रही है। उसमें गोल्ड मेडल हासिल करना है। इसके साथ ही 2020 में होने वाले ओलंपिंक में गोल्ड मेडल जीतकर में देश का तिरंगा बुलंद करना चाहता हूं। शहजर के पिता शमशाद रिजवी ने बताया कि शहजर को बचपन से ही गुलेल चलाने का जुनून था।

गांव में गुलेल में माहिर था और उसका निशाना भी अचूक था। कृषक इंटर काॅलेज में जब शहजर ग्याहरवीं मे पढ़ता था तो उसका एनसीसी कैंप रानीखेत गया। एनसीसी कैंप में पहली बार गन से टारगेट पर अचूक निशाना उसने लगाया। एनसीसी कैंप में अधिकारी ने उसकी प्रतिभा की सराहना की और उसे शूटिंग के लिए प्रेरित किया। उसके बाद शहजर ने शूटिंग में अपना करियर बनाया। लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं उसे गन दिला सकूं...उसने उधार बंदूक लेकर अपने करियर को जारी रखा और 2012 में उसने अपनी गन खरीदी। दिन-रात मेहनत करने के बाद ही शहजर आज इस मुकाम तक पहुंचा है।

शहजर ने 58वीं नेशनल शूटिंग चैम्यिनशिप पूणा में 2014 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया और 2015 दिल्ली में 59 वीं नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में उसने गोल्ड पर निशाना साधा। दिल्ली में गोल्ड पर निशाना साधने पर उन्होने इंडियन एयरफोर्स में अपनी नौकरी पक्की कर ली। कई बार रिजवी को गंभीर चोटों का भी सामना करना पडा लेकिन उन्होने कभी हिम्मत नहीं हारी।

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