आगरा विश्वविद्यालय एक बार फिर बनाएगा छात्रों के लिए हेल्प डेस्क

संक्षेप:

  • डॉ अंबेडकर विश्वविद्यालय के हालातों में सुधार नहीं
  • हर दिन परेशान छात्र विवि में भटकते हुए नजर आते हैं
  • लाखों छात्र मार्कशीट से वंचित हैं

आगराः डॉ अंबेडकर विश्वविद्यालय के हालातों में सुधार नहीं आ रहा है और हर दिन परेशान छात्र विवि में भटकते हुए नजर आते हैं। हालात ये हैं की हजारों छात्रों का रिजल्ट नहीं निकला है तो लाखों छात्रों के हाथ में मार्कशीट नहीं आई है पर जब भी हालत बदतर होते हैं तो कुलसचिव ऑफिस के बाहर छात्रों की लंबी लाइन लगना शुरू हो जाती हैं। छात्र मार्कशीट और डिग्री को लेकर हंगामा करते हैं तो उनको साधन के लिए हेल्प डेस्क बनाने की बात कही जाती है। अब से पहले भी तीन बार ऐसे ही हेल्प डेस्क  बनाई जा चुकी हैं। लेकिन यह शोपीस बनकर रह जाते हैं। यहां छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं मिला तो अंत में यह बंद हो गई। अब एक बार फिर से हेल्प डेस्क बनाये जाने का लोलीपॉप छात्रों को दिया जा रहा है। बीते 4 सालों की बात करें तो हजारों छात्रों के पास रिजल्ट नहीं है लाखों छात्र मार्कशीट से वंचित हैं लेकिन विधि में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

वर्तमान में भी छात्रों की लंबी लाइन उनकी समस्याओं को बयां कर रही है यह देख चौथी बार विवि हेल्प डेस्क बनाने जा रही है इस बार डाक घर के बराबर में हेल्प डेस्क बनाई जा रही है। कुलपति डॉक्टर अरविंद दीक्षित ने यहां दौरा भी किया जल्द ही इसे शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। एक प्रतिक्षालय बनाने की भी बात कही गई है। इधर इससे पूर्व पंडित दीन दयाल संस्थान सेट पद्मचंद जैन कंप्यूटर सेल में हेल्प डेस्क खुल चुकी है। तीनों ही जगह छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ स्टाफ के हाथ में कोई रिकॉर्ड नहीं होने को लेकर छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाए। बताया जा रहा है कि नई हेल्प डेस्क पर भी मुश्किल आएंगी उसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि वर्ष 2010 तक की विधि ने कंप्यूटराइज मार्कशीट बन रही है हेल्प डेक्स पर वर्ष 2010 के बाद के ही अधिकतर छात्र मार्कशीट बनवाने आएंगे। वहीं के.एन सिंह कुलसचिव का कहना है कि छात्रों की समस्याओं के समाधान को लेकर हेल्प डेस्क बनाई जा रही है इससे उन्हें राहत महसूस होगी। पर अब देखने वाली बात ये है की पूर्व में भी तीन बार हेल्प डेस्क बनाये गए पर स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो बंद करने पड़ गए तो कैसे कहा जा सकता है की इस बार ये हेल्प डेस्क छात्रों की समस्याओं का समाधान कर सकेंगे।

 

ये भी पढ़े : माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने दो परीक्षा केन्द्रों का किया आकस्मिक निरीक्षण


If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य आगरा की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।