Lok Sabha Election 2019: आगरा में हमेशा ध्रुवीकरण रहा है कमजोर, मुकाबला बघेल और सोनी के बीच

संक्षेप:

  • ताज की नगरी आगरा में सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण नहीं हो पाता है
  • चुनावी बिसात जातीय समीकरणों पर बिछी है
  • मुकाबला बीजेपी के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और गठबंधन के मनोज सोनी के बीच लग रहा है

आगरा: मुश्किल वक्त में भी धैर्य दिखाकर सौहार्द बनाए रखने वाली ताज की नगरी आगरा में सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण नहीं हो पाता है, इसलिए चुनावी बिसात जातीय समीकरणों पर बिछी है. मुकाबला बीजेपी के प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल और गठबंधन के मनोज सोनी के बीच लग रहा है. कांग्रेस की प्रीता हरित भी वोटरों के बीच अपनी बात प्रभावी तरीके से रख रही हैं. तीनों उम्मीदवार इस सीट से पहली बार किस्मत आजमा रहे हैं. प्रदेश के पशुधन मंत्री एसपी सिंह बघेल जलेसर सीट (जो 2009 में परिसीमन में खत्म हो गई) से तीन बार सांसद रह चुके हैं. वह 2014 में फिरोजाबाद से हार गए थे. रीयल एस्टेट कारोबारी मनोज सोनी को 2014 में हाथरस से शिकस्त खानी पड़ी. प्रीता हरित आयकर विभाग में प्रधान आयुक्त के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर कुछ ही दिन पहले ही राजनीति में आईं हैं.

सभी विधानसभा क्षेत्र बीजेपी के कब्जे में

यहां की पांचों विधान सभा क्षेत्रों उत्तर, दक्षिण, छावनी, एत्मादपुर और जलेसर में भाजपा के विधायक हैं. बीजेपी की यही बड़ी ताकत है. पार्टी के परंपरागत वोटर कहे जाने वाले वैश्य समाज के तीन लाख वोटर हैं. चुनाव के दौरान सपा-बसपा के कई नेता भाजपा में शामिल हुए। बघेल के समर्थन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, सीएम योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ सिंह रैली कर चुके हैं.

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आगरा सीट का जातीय समीकरण

वैश्य - 3.15 लाख
एससी - 2.80 लाख
मुस्लिम- 2.70 लाख
ब्राहमण- 1.60 लाख
बघेल- 1.30 लाख
जाट- 1.25 लाख
यादव- 80 हजार
कुशवाहा- 70 हजार

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