आगरा का अंबेडकर यूनिवर्सिटी हुआ डिजिटल, एक क्लिक में होंगे सारे काम

संक्षेप:

  • छात्रों को घर बैठे मिलेगी ANSWER SHEET
  • डिजिटल हुआ अंबेडकर विश्वविद्यालय
  • कतार में लगने से मिलेगी मुक्ति

आगरा: डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं की समस्या को देखते हुए डिजिटल इंडिया की ओर एक बड़ा कदम उठाया है. इससे छात्रों को विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने के साथ ही कतार में लगकर घंटों इंतजार करने से भी मुक्ति मिलेगी. घर बैठे ही एक क्लिक पर छात्रों को जरूरी जानकारियां और दस्तावेज विश्वविद्यालय उपलब्ध करा देगा.

डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सूचना का अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका और मार्कशीट मांगने वाले छात्रों को ऑनलाइन ही सूचना उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. इसके तहत तय फीस जमा करने के बाद आरटीआई के तहत आवेदक को उसके ईमेल पर मार्कशीट और उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करा दी जाएगी. प्रोविजनल डिग्री भी ऑनलाइन छात्रों को ईमेल पर मिल सकेगी, जिससे उन्हें विश्वविद्यालय आने की जरूरत नहीं है.

डॉ भीमराव अंबेडकर के परीक्षा नियंत्रक डॉ ओमप्रकाश ने बताया कि स्नातक और परास्नातक के छात्रों की ओर से हर साल सैकड़ों आरटीआई लगाई जाती है. इस दौरान छात्रों को फॉर्म भरने, तय फीस का चालान या ड्राफ्ट बनवाने सहित फॉर्म को जमा कराने में घंटों लाइन में लगना पड़ता था. इसलिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आरटीआई के तहत मार्कशीट उत्तर पुस्तिका मांगने वाले छात्रों को ऑनलाइन ही तय फीस जमा कराने पर उन्हें ईमेल पर ही मार्कशीट और उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करा दी जाएगी, जिससे छात्र को विश्वविद्यालय नहीं आना पड़ेगा.

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सबसे पहले छात्र को विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा. फिर उसे पेमेंट गेटवे के जरिए डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड या अन्य किसी वॉलेट के जरिए तय फीस जमा करनी होगी. छात्र को स्नातक से जुड़ी सूचना या दस्तावेज आरटीआई के तहत पाने के एवज में 300 रुपये और परास्नातक के छात्र को 500 रुपये फीस देनी पड़ेगी. यदि कोई छात्र उत्तर पुस्तिका पाने के बाद उसकी स्क्रूटनी कराना चाहता है तो उसे 100 रुपये फीस जमा करानी होगी. प्रोविशनल डिग्री के लिए छात्र को डेढ़ सौ रुपये फीस जमा करानी होगी. प्रोविशनल डिग्री छात्रों को फीस जमा कराने के दिन ही ईमेल पर पीडीएफ फाइल में मिल जाएगी, जिसे वह प्रिंट करा लेगा.

विश्वविद्यालय में 2014 से अब तक का रिकॉर्ड डिजिटल हो चुका है. इसलिए ऑनलाइन ही छात्रों को 2014 से अब तक के मार्कशीट, उत्तर पुस्तिका, प्रोविशनल डिग्री सहित तमाम दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. 2014 से पहले का रिकॉर्ड अभी डिजिटल नहीं हुआ है, इसलिए इससे संबंधित उत्तर पुस्तिका मार्कशीट और प्रोविशनल डिग्री मैनुअल ही स्टूडेंट को दी जा रही है. परीक्षा नियंत्रक ओम प्रकाश ने बताया कि इस व्यवस्था से बच्चों को विश्वविद्यालय आकर भटकना नहीं पड़ेगा. घर बैठे ही उसे मार्कशीट, उत्तर पुस्तिका, प्रोविशनल डिग्री मिल जाएगी.

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