ईद-उल-अजहा: 22 लाख रुपये में बिके 3 बकरे, ईद से पहले लगा मालिक का जैकपॉट

संक्षेप:

  • इस्लाम धर्म का पवित्र त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) सोमवार को देशभर में मनाया जाएगा.
  • इसी के मद्देनजर बाजार में बकरों की कीमतें आसमान छू रही हैं.
  • अब्दुल ने विदेशी नस्ल के तीन सोजत बकरे 22 लाख रुपये में बेचे हैं.

लखनऊ: इस्लाम धर्म का पवित्र त्योहार ईद-उल-अजहा (बकरीद) सोमवार को देशभर में मनाया जाएगा. इसी के मद्देनजर बाजार में बकरों की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऑनलाइन मार्केट में भी बकरे लाखों रुपये में बिक रहे हैं. वहीं, लखनऊ के एक व्यापारी अब्दुल करीम का बकरीद से पहले जैकपॉट लग गया. अब्दुल ने विदेशी नस्ल के तीन सोजत बकरे 22 लाख रुपये में बेचे हैं.

अब्दुल से भोपाल के एक व्यवसायी ने एक जोड़ी बकरे 15 लाख रुपये में खरीदे हैं. जबकि एक अन्य ग्राहक ने उनसे 7 लाख रुपये में तीसरा बकरा खरीदा है. सोजत नस्ल के ये बकरे अच्छे मांस के लिए जाने जाते हैं. लेकिन इस नस्ल की बकरियां दूध कम देती हैं. अब्दुल के मुताबिक उन्होंने करीब 18 महीने पहले 70 हजार रुपये में ये बकरे खरीदे थे. अब्दुल ने 18 महीने तक तीनों की खूब खातिरदारी की और उन्होंने तगड़ा किया. बकरों को खाने में रोजाना गेहूं, जौ, चना मटर और जई मिलती थी. बकरों के विशेष डाइट चार्ट के लिए वह पशु विशेषज्ञ से भी संपर्क करते थे. इन बकरों की समय-समय पर हेयर ट्रिमिंग की जाती थी ताकि इन्हें साफ-सुथरा रखा जा सके. रोज दिन में इनकी एक बार मालिश भी होती थी.

अब्दुल जब इन बकरों को घर लेकर आए थे तब ये सिर्फ चार महीने के थे और इनमें से हर एक का वजन करीब 17-18 किलोग्राम था. अब्दुल की देख-रेख के बाद ये 210-220 किलोग्राम के हो गए. बकरों की देखभाल करने के लिए अब्दुल ने तीन लोगों को काम पर रखा था, जो 24 घंटे इनकी निगरानी करते थे. अब्दुल का एक बकरा एक वक्त में 5 किलो चारा खाता है. इनकी पाचन शक्ति को मजबूत बनाने के लिए इन्हें लिवर टॉनिक भी दिया जाता था.

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