देहारदून में आधार कार्ड बनवाना हुआ मुश्किल

संक्षेप:

  • आधार केंद्रों पर पड़े ताले
  • आधार कार्ड बनवाने को भटक रहे लोग
  • इस समस्या का नहीं निकाला जा रहा कोई समाधान

 

देहरादून: सरकारी भवनों में आधार केंद्र शिफ्ट न करने की केंद्र संचालकों की जिद आम जनता पर भारी पड़ रही है। विभिन्न इलाकों में छात्रों के साथ आम जनता आधार बनाने के लिए भटक रही है। हैरत की बात ये है कि जनता की परेशानी के बावजूद प्रशासन या शासन इस समस्या का स्थायी हल निकालने का प्रयास ही नहीं कर रहा है।

दरअसल, केंद्र सरकार ने आधार केंद्रों को सरकारी भवनों में शिफ्ट करने का आदेश न मानने पर राज्य के दो सौ से ज्यादा आधार केंद्रों की आइडी ब्लाक कर दी थी। दून की बात करें तो 22 में से सिर्फ तीन आधार केंद्र ही संचालित हो पा रहे हैं। जिन पर सुबह से सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट रही है बावजूद इसके काफी संख्या में लोगों को दिनभर लाइन में लगने के बाद मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह ये भी है कि स्कूल में प्रवेश से लेकर तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार अनिवार्य कर दिया गया है।

आधार केंद्र बंद होने पर केंद्र संचालकों ने सीएससी अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन सीएससी ने साफ कर दिया कि अब सिर्फ उन्हीं केंद्रों को खोलने की अनुमति दी जाएगी, जो अपने केंद्र को सरकारी भवनों में शिफ्ट करेंगे। आधार के नाम पर हो रही अवैध वसूली रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। 

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वहीं दून सीएससी एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण अरोड़ा का तर्क है कि पहले सरकार ने उन्हें केंद्रों को मॉडल केंद्र के रुप में विकसित करने के निर्देश दिए, जिसमें संचालकों के लाखों रुपये खर्च हुए। अब सरकारी भवनों में शिफ्ट करने में उन्हें अतिरिक्त खर्च के साथ अधिक स्टाफ की जरूरत पड़ेगी। इससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसलिए केंद्रों को शिफ्ट करना संभव नहीं है। बताया कि इस संबंध में एसोसिएशन दो दिन बाद मुख्य सचिव से वार्ता कर समस्या के निस्तारण की मांग करेगा। 

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