रमजान के मौके पर बढ़ी बाजारों में सेवई और खजूर की मांग

संक्षेप:

  • ईद के मौके पर हो रही है सेवई की स्पेशल मांग
  • बाजारों में मुजाफर, किमामी समेत कई तरह की सेवई उपलब्ध
  • सउदी अरब, ईरान और ईराक की खजूरों की मांग

रमजान के पवित्र मौके पर खरीददारी का बाजार गर्म हो जाता है। रोजा शुरू होते ही फल, साग, सब्जी भी महंगे होने लगते हैं। राजधानी देहरादून में मस्जिदों से लेकर बाजारों तक रमजान की रौनक देखते ही बन रही है। माह ए रमजान का महीना आधे से ज्यादा बीत चुका है। बाजारों में सैवईं और खजूर की मांग बढ़ गई है। शहर की कई जगहों पर सेवई की दुकान सजी हुई है।

ईद का त्यौहार हो और सेवई की बात न हो ऐसा हो नहीं सकता। ईद में सेवई की स्पेशल मांग रहती है। ऐसे में सेवई के बाजार में भी लोगों की चहलकदमी बढ़ने लगी है। बाजार में भी कई किस्मों की सेवई मौजूद हैं। इसमें जाफरानी सेवई से लेकर बनारसी, मुजाफर, किमामी समेत कई तरह की सेवई उपलब्ध हैं। ईद के मौके पर लोग अपनी शादीशुदा बेटियों के घर त्योहारी भिजवाते हैं। इस त्योहारी में ईद का पूरा सामान जैसे सेवई, काजू, किशमिश, नारियल कपड़े आदि शमिल होता है। इसलिए भी सेवई की खरीदारी जोर-शोर से शुरू हो गई है। शहर में रमजान का महीना आते ही सेवइयों की खरीदी के लिए लोग पहुंच रहे हैं। दुकान में सजी अलग-अलग स्वाद वाली रंग-बिरंगी सेवइयां लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं। मुस्लिम समाज के अलावा सेवइयां खाने के शौकीन हिंदू समाज के लोग भी सेवइयों की खरीदी कर रहे हैं। घी के साथ ही सादे सेवईं की भी डिमांड है।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


तो वहीं बाजारों में सबसे बेहतर माने जाने वाली सउदी अरब, ईरान और ईराक की खजूर खूब बिक रही है। बता दें कि खजूर में कईं तरह के विटामिन होते हैं जिससे रोजेदारों को एनर्जी मिलती है। खाने-पीने की चीजों के अलावा रोजेदार ओर भी कई तरह की खरीदारी करते दिखाई दे रहे हैं। दुकानों में कई वैरायटी के इत्र, किताबें और टोपियों को खरीदने के लिए खरीदार जुट रहे हैं। रमजान के दौरान रोजेदार इस्तेमाल में आने वाली हर चीज को अपने पास रखना चाहते हैं। ताकि पूरे महीने वो बेतकल्लुफी से इबादत में खोए रह सकें।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Dehradunकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles