पौड़ी में छेड़खानी का विरोध करने पर जिंदा जलाई गई छात्रा की मौत, सीएम ने मनचलों का ठीक करने के दिए आदेश

संक्षेप:

  • पौड़ी में जिंदा जलाई गई छात्रा की मौत
  • आज होगा अंतिम संस्कार
  • सीएम रावत ने जताया दुख

देहरादून: पौड़ी के पल्ली कफोलस्यूं गांव में जिंदा जलाई गई छात्रा ने सात दिनों के बाद रविवार को सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. छात्रा का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा. छात्रा का शव दिल्ली से तड़के तीन बजे छात्रा के पैतृक गांव के पास पहुंचा.

छात्रा के अंतिम संस्कार के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर रखे हैं. वहीं लोगों में इस घटना के विरोध में उबाल भी साफ देखने को मिल रहा है. छावनी में तब्दील पौड़ी में सुबह करीब 11 बजे नयार नदी के तट पर ज्वाल्पा देवी के पास छात्रा का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

सुबह छात्रा के पार्थीव शरीर के पौड़ी पहुंचते ही ग्रामीणों की जिद की वजह से शव को कोटद्वार रोड पर पीपल पानी के पास तीन घंटे तक रखना पड़ा. ग्रामीण शव को पौड़ी मुख्यालय लेकर जाने पर अड़े थे. काफी देर तक ग्रामीणों, अधिकारियों और पुलिस बल के बीच चली तीखी नोकझोंक  के बाद जिला प्रशासन ने किसी तरह से शव को गांव पहुंचाया. 

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आपको बता दें कि 18 वर्षीय लड़की 16 दिसंबर को बीएससी द्वितीय के प्रैक्टिकल एग्जाम देकर घर लौट रही थी. इसी दौरान एक मनचले ने उसे छेड़ने की कोशिश की लेकिन जब छात्रा ने विरोध किया तो उसने पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया. इस दौरान छात्रा 70 प्रतिशत से ज्यादा जल गई थी.

वहीं सीएम रावत इस घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि सरकार ने मनचलों का ठीक से इलाज करने के लिए आदेश दे दिए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह का एक चलन उत्तराखंड से लेकर बाहर दूसरे प्रदेशों में भी चल गया है, जिसपर लगाम लगाने की जरूरत है.

जानिए इस घटना की दस बड़ी बातें...

  • पौड़ी हादसे रविवार 16 दिसंबर को केंद्रीय विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर के द्वितीय वर्ष की छात्रा देर शाम कॉलेज से प्रेक्टिकल देकर घर लौट रही थी. इसी दौरान  रास्ते में गहड़ गांव का मनोज सिंह उर्फ बंटी ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर छात्रा के ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी और मौके से फरार हो गया था.
  • घटना के बाद पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी को आग के हवाले करने की सूचना आरोपी मनोज सिंह ने उन्हें फोन करके दी. आरोपी ने फोन पर यह भी कहा कि मैंने तुम्हारी बेटी को आग लगा दी है, अब तुम बचा सकते हो, तो बचा लो.
  • घटना के बाद आरोपी युवक के खिलाफ दादी ने तहरीर लिखकर सजा की मांग की थी. छात्रा को पहले इलाज के लिये जिला चिकित्सालय पौड़ी में भर्ती कराया गया. फिर गंभीर हालत को देखते हुये श्रीनगर हायर सेंटर रेफर किया गया. इसके बाद उसे ऋषिकेश एम्स लाया गया और फिर हालत न सुधरने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आदेश के बाद पीड़िता को दिल्ली सफदरजंग भर्ती किया गया. लेकिन 70 प्रतिशत जलने की वजह से लड़की की जान नहीं बच पाई.
  • मृतक छात्रा के पिता का पांच वर्ष पूर्व बीमारी के चलते मौत हो चुकी है. वहीं मृतक छात्रा की एक बड़ी बहन है, जिसका विवाह हो चुका है.  पिता के मौत के बाद युवती की मां किसी प्रकार उसे पढ़ा रही थी.
  • घटना के बाद से युवती की मां बेसुध है और परिजन उन्हें संभाले हुए हैं. साथ ही घटना के बादल लोग  ढाढ़स बंधा रहे हैं. वहीं इस दर्दनाक घटना के बाद आरोपी को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की जा रही है.
  • घटना के बाद लोगों में खासा आक्रोश है.  हर कोई अपनी-अपनी तरह छात्रा को याद कर रहा है. इसी कड़ी में बीते दिन पौड़ी केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों ने कैंडिल मार्च निकालकर मृत छात्रा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
  • घटना के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने  ट्वीट कर हादसे पर दुख जताया. उन्होंने लिखा कि समाज में इस तरह के कृत्य की कोई जगह नहीं है. बच्ची की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास किये. साथ ही उन्होंने लिखा कि इस घटना में आरोपी को कठोर से कठोर सजा होगी.
  • इस मामले को लेकर प्रदेश में सियासत गर्मा गई है. इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य में कानून और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठाए हैं. कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि पीड़िता के इलाज में सरकार द्वारा घोर लापरवाही बरती गई है.
  • घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने पीड़िता की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह की घटनाओं पर अकुंश लगाने के लिए सरकार को कड़े से कड़ा कानून बनाने की जरूरत है. उन्होंने कहा इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति ना हो इसके लिए वह सदन और सदन के बाहर आवाज उठाएंगी.
  • हादसे के बाद देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि लड़कियों को सेल्फ डिफेंस के लिए का कैंप लगाया जायेगा. साथ ही कॉलेज के खुलने और बंद होने के समय चीता पुलिस और सीपीओ की तैनाती की जाएगी, जिससे बढ़ते अपराधों पर लगाम लग सकें.

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