उत्तराखंड सीएम का ऐलान:  जरूरी सेवाओं के कर्मी हड़ताल पर गए तो जाएगी नौकरी

संक्षेप:

  • कर्मचारियों की हड़ताल और आंदोलनों पर सख्ती।
  • संकट काल में अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन।
  • सोमवार से कर्मचारियों के काम पर लौटने की उम्मीद।

देहरादून। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सीएम तीरथ सिंह रावत ने एक अहम कदम उठाया है। जिसमें चिकित्सा सहित अन्य आवश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों की हड़ताल और आंदोलनों पर सख्ती बढ़ती जाएगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि हड़ताल और आंदोलन करने वाले कर्मचारियों को सेवा से हटाकर नई नियुक्तियों की कार्यवाही शुरू की जाएगी। यानी उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत तत्काल कार्रवाई होगी।

संकट काल में अपने दायित्वों का ईमानदारी से करे पालन- तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य और आवश्यक सेवाओं में कार्यरत सभी कर्मचारियों से अपेक्षा है कि इस संकट काल में अपने दायित्वों का ईमानदारी से पालन करें। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि हड़ताल और आंदोलनरत कर्मियों को सेवाओं से हटाकर नई नियुक्तियों की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मुख्य सचिव को कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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हड़ताल को विशेष अवकाश में करें स्वीकृत

हड़ताल के दौरान सैकड़ों उपनल कर्मी मौजूद रहे। नियमितीकरण और समान काम-समान वेतन की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की गई। मांगों को लेकर 55 दिनों तक आंदोलन करने वाले उपनल कर्मचारियों ने इसे विशेष अवकाश में स्वीकृत करने की मांग की है। कर्मचारी सोमवार को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात करेंगे। उपनल कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत रावत ने बताया कि अब सबकी नजर 22 अप्रैल की कैबिनेट पर है।

सोमवार से कर्मचारियों के काम पर लौटने की उम्मीद 

सरकार के आश्वासन के बाद ज्यादातर हड़ताली कर्मचारी अपने-अपने स्थानों को लौट चुके हैं। उन्होंने बताया कि कर्मचारी सोमवार से काम पर लौटेंगे। इस दौरान मुख्य संयोजक आंदोलन महेश भट्ट, विनोद गोदियाल, दीपक चौहान, विजय राम खंकरियाल, विपिन सवाल, भावेश जगूड़ी मौजूद रहे। 

 


 

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