किसान आंदोलन: किसानों को मुकदमे की तरह मिल रहीं हैं तारीखें, राकेश टिकैत बोले-पेशी पर जाते रहेंगे

संक्षेप:

गाजियाबाद: सरकार से नौवें दौर की वार्ता के बेनतीजा होने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मुकदमे की तरह तारीखें मिल रहीं हैं, किसान पेशी की तरह जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का हल बातचीत से ही निकलेगा, इस बात को किसान भी मानते हैं और सरकार भी. उधर, वार्ता में कोई निष्कर्ष न निकलने पर यूपी गेट पर बैठे आंदोलनकारी किसानों में गुस्सा बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि बिना कानून वापस कराए वह आंदोलन से जाने वाले नहीं हैं। उधर, किसानों ने हाईवे के साइन बोर्ड पर भी जब तक बिल वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं और कॉरपोरेट भगाओ-देश बचाओ के बैनर लगा दिए हैं। 

गाजियाबाद: सरकार से नौवें दौर की वार्ता के बेनतीजा होने पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मुकदमे की तरह तारीखें मिल रहीं हैं, किसान पेशी की तरह जाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन का हल बातचीत से ही निकलेगा, इस बात को किसान भी मानते हैं और सरकार भी. उधर, वार्ता में कोई निष्कर्ष न निकलने पर यूपी गेट पर बैठे आंदोलनकारी किसानों में गुस्सा बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि बिना कानून वापस कराए वह आंदोलन से जाने वाले नहीं हैं। उधर, किसानों ने हाईवे के साइन बोर्ड पर भी जब तक बिल वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं और कॉरपोरेट भगाओ-देश बचाओ के बैनर लगा दिए हैं। 

दिल्ली में सरकार से वार्ता में शामिल होने से पहले यूपी गेट पर राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के पास जितनी भी चाल चलने के लिए थीं, वह चली जा चुकी हैं। अब किसान बताएंगे कि सरकार कैसे इसे बाहर आ सकती है। उन्होंने कहा कि आज पहली बार आवश्यक वस्तु अधिनियम पर चर्चा हुई, अगली बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा की जाएगी। सरकार के साथ वार्ता में कोई भी नतीजा न निकलने पर यूपी गेट पर आंदोलनकारी किसानों में गुस्सा बढ़ रहा है। किसानों का कहना था अब हम सभी ने ठान ली है कि बिना कानून वापसी घर नहीं जाएंगे। किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि कृषि कानून सिर्फ किसानों के लिए नहीं, यह तो देश के 130 करोड़ लोगों से से जुड़ा हुआ मामला है। कानून वापस न होने से आम लोगों को भी परेशानी होगी।

सरकार आखिरकार यह बताने को तैयार क्यों नहीं है कि उसे कानून वापस लेने में क्या दिक्कत है।  अपने अधिकार लिए बिना किसान आंदोलन से नहीं हटेगा। चौ. बिजेंद्र सिंह 
खेती और बच्चों का भविष्य बचाने के लिए किसान आंदोलन पर बैठे हैं। सरकार को अगर किसानों के लिए काम करना है तो एमएसपी पर गारंटी दे दे।  -करन प्रधान, मथुरा
सरकार की बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकलता। इससे किसान हताश होकर आंदोलन से हटने वाला नहीं है।

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वर्षों से किसान को उसका अधिकार नहीं मिला। - राजबीर सिंह जादौन 

मैंने चौ. महेंद्र सिंह टिकैत के साथ कई आंदोलन किए हैं। यह आंदोलन भी इतिहास में दर्ज होगा। किसानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। सरकार चाहे आज मांगें माने या कल। - ईलम सिंह

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