एनएच-9 बंद पर लोगों का गुस्सा फूटा, बैनर-पोस्टर के साथ की नारेबाजी

संक्षेप:

  • लोग आम्रपाली विलेज सोसायटी के गेट पर एकत्र होकर पोस्टर-बैनर लेकर नारेबाजी की। 
  • महिलाओं और बुजुर्गों पुलिस-प्रशासन से रास्ता खुलवाने की मांग की।
  • एक साल से हाईवे बंद रहने के कारण टीएचए के लोगों को दिल्ली जाने में परेशानी।

गाजियाबाद- एनएच-9 से किसानों को हटने की मांग कर रहे हाईराइज सोसायटियों के लोगों का लोगों का रविवार सुबह गुस्सा फूट पड़ा। लोग आम्रपाली विलेज सोसायटी के गेट पर एकत्र हुए और पोस्टर-बैनर लेकर नारेबाजी की। महिलाओं और बुजुर्गों पुलिस-प्रशासन से रास्ता खुलवाने की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने मानव श्रृंखला बनाने के दौरान ही सभी को सोसायटी के गेट पर रोक लिया। हंगामे के बीच सीओ इंदिरापुरम अभय मिश्रा को एओए फेडरेशन के संरक्षक आलोक कुमार व अन्य लोगों ने ज्ञापन सौंपा। एक साल से हाईवे बंद रहने के कारण टीएचए के लोगों को दिल्ली जाने में परेशानी हो रही है।

फेडरेशन ऑफ एओए के संरक्षक आलोक कुमार ने बताया कि इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा, कौशांबी, खोड़ा और राजनगर एक्सटेंशन के 10 लाख से ज्यादा लोग यूपी गेट के रास्ते दिल्ली जाते हैं। गाजियाबाद के लाखों लोगों कारोबार और औद्योगिक इकाईयां दिल्ली में स्थित हैं। आरोप है कि सोसायटियों के सामने लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर सड़क जाम कर देते हैं। आम्रपाली विलेज सोसायटी के गेट से एनएच-9 पार करना अब लोगों ने बंद ही कर दिया है।

मानव श्रृंखला बनाने से पहले पीएसी तैनात
पुलिस को मानव श्रृंखला बनाकर किसान आंदोलन में पहुंचने की सूचना मिली थी। सीओ अभय कुमार मिश्र और मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील सिंह मौके पर पहुंचे और पीएसी भी तैनात की गई। सीओ ने लोगों को बताया कि महिलाओं का गुस्सा काफी देर तक शांत नहीं हुआ। बैनर-पोस्टर लेकर रास्ता खाली करने के नारे लगाए गए। लोगों ने बैरिकेडिंग पर भी नाराजगी जताई। फेडरेशन ऑफ एओए के संरक्षक आलोक कुमार, अमरीश कुमार गर्ग व अनिल सिंह ने सीओ को डीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।

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रास्ता बंद करने का अधिकार नहीं
हाईवे को ठप करने का अधिकार किसी को नहीं है। हम लोग किसानों के खिलाफ नहीं है, लेकिन हमारे भी मूल अधिकार हैं। जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक साल से रास्ता बंद होने से काफी नुकसान हो चुका है।
- रजनी जोशी

एनएच-9 से किसानों को हटने की मांग कर रहे हाईराइज सोसायटियों के लोगों का लोगों का रविवार सुबह गुस्सा फूट पड़ा। लोग आम्रपाली विलेज सोसायटी के गेट पर एकत्र हुए और पोस्टर-बैनर लेकर नारेबाजी की। महिलाओं और बुजुर्गों पुलिस-प्रशासन से रास्ता खुलवाने की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने मानव श्रृंखला बनाने के दौरान ही सभी को सोसायटी के गेट पर रोक लिया। हंगामे के बीच सीओ इंदिरापुरम अभय मिश्रा को एओए फेडरेशन के संरक्षक आलोक कुमार व अन्य लोगों ने ज्ञापन सौंपा। एक साल से हाईवे बंद रहने के कारण टीएचए के लोगों को दिल्ली जाने में परेशानी हो रही है।
फेडरेशन ऑफ एओए के संरक्षक आलोक कुमार ने बताया कि इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा, कौशांबी, खोड़ा और राजनगर एक्सटेंशन के 10 लाख से ज्यादा लोग यूपी गेट के रास्ते दिल्ली जाते हैं। गाजियाबाद के लाखों लोगों कारोबार और औद्योगिक इकाईयां दिल्ली में स्थित हैं। आरोप है कि सोसायटियों के सामने लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर सड़क जाम कर देते हैं। आम्रपाली विलेज सोसायटी के गेट से एनएच-9 पार करना अब लोगों ने बंद ही कर दिया है।

मानव श्रृंखला बनाने से पहले पीएसी तैनात
पुलिस को मानव श्रृंखला बनाकर किसान आंदोलन में पहुंचने की सूचना मिली थी। सीओ अभय कुमार मिश्र और मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील सिंह मौके पर पहुंचे और पीएसी भी तैनात की गई। सीओ ने लोगों को बताया कि महिलाओं का गुस्सा काफी देर तक शांत नहीं हुआ। बैनर-पोस्टर लेकर रास्ता खाली करने के नारे लगाए गए। लोगों ने बैरिकेडिंग पर भी नाराजगी जताई। फेडरेशन ऑफ एओए के संरक्षक आलोक कुमार, अमरीश कुमार गर्ग व अनिल सिंह ने सीओ को डीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।

रास्ता बंद करने का अधिकार नहीं
हाईवे को ठप करने का अधिकार किसी को नहीं है। हम लोग किसानों के खिलाफ नहीं है, लेकिन हमारे भी मूल अधिकार हैं। जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। एक साल से रास्ता बंद होने से काफी नुकसान हो चुका है।
- रजनी जोशी

पेट्रोल-डीजल का बढ़ गया खर्च
हाईवे बंद होने से कौशांबी, आनंद विहार के रास्ते या फिर नोएडा सेक्टर-62 होते हुए दिल्ली जाना पड़ता है। इसमें अतिरिक्त खर्चा होता है। इधर, सोसायटी के सामने जाम लगने से दिक्कत बढ़ गई है।- स्वेता

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