Holi 2018: इस होली केमिकल रंगों से सावधान

संक्षेप:

  • हर्बल रंग की आड़ में बाजार में आए नकली रंग
  • रंगों की चैकिंग को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं 
  • केमिकल रंगों से किडनी की बीमारी होने का खतरा 

बस चार दिन और रंगों का त्योहार होली आने में। होली का आप बसको बेसबरी से इंतजार है तो वहीं कुछ लोगों के परेशानियां भी हो रही होगी। क्योकि होली पर सबसे ज्यादा डर केमिकल का होता है यह इतना खतरनाक हो जाता है कि यह किसी आंखों की रोशनी को छीन सकता है। किसी के चेहरे को बदसूरत भी बना सकता है। इसलिए हो सके तो होली पर केमिकलरहित रंगों का प्रयोग करें।

अगर केमिकल वाले रंगों का इस्तेमाल करें भी तो सावधानी से करें ताकि आपकी वजह से किसी के जीवन में अंधेरा न हो जाए। होली का रंग आप के चेहरे का नूर बिगाड़ सकता है। होली के रंग को खरीदने से पहले इसकी परख कर लें।

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हर्बल रंग की आड़ में बाजार में नकली रंग भी आपको थमाया जा सकता है। होली के रंगों की चैकिंग को लेकर प्रशासन कतई भी गंभीर नहीं है। एक समय था जब होली हर्बल रंगों से खेली जाती थी। लोग घरों में बने रंगों से होली खेलते थे। समय बदला और हर्बल रंगों की जगह केमिकल युक्त रंगों ने ले रखी है।

केमिकलयुक्त रंगों के प्रयोग से अक्सर आंखों की रोशनी जाने और चेहरा खराब होने की सूचना मिलती है। केमिकल रंगों से जहां एलर्जी होने की संभावना होती है वहीं दूसरी तरफ इनके ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा से संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं। मेटेलिक कलर के ज्यादा इस्तेमाल से स्किन कैंसर, एल्यूमिनियम और लौह के मिश्रण युक्त रंग के ज्यादा प्रयोग से किडनी की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। इन दिनों बाजार में होली के रंगों की भरमार है।

मुनाफे के चक्कर में हर्बल रंग की आड़ में बाजार में नकली रंग भी मौजूद है। होली के रंगों की चैकिंग को लेकर प्रशासन कतई भी गंभीर नहीं है। प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ सकता है।

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