बढ़ते प्रदूषण से परेशान सुप्रीम कोर्ट के जज, बोले- रिटायर होने के बाद दिल्ली में नहीं रहूंगा

संक्षेप:

  • दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा हैं
  • सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली सरकार को फटकारा
  • कहा- पहले शानदार लगती थी दिल्ली, अब रहने के लिए लायक नहीं   

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा हैं। प्रदूषण कितने खतरनाक लेवल पर हैं, इसका अंदाजा आप सुप्रीम कोर्ट के जज के बयान से लगा सकते हैं। दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली में जिस तरह के हालात हो गए उससे यह तो साफ है कि यह शहर अब रहने और काम करने लायक नहीं बचा है। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि मुझे शुरुआत में दिल्ली आकर्षित लगी लेकिन अब ऐसा नहीं है। मैं रिटायर होने के बाद दिल्ली में नहीं रहूंगा।

जस्टिस मिश्रा ने आगे कहा कि दिल्ली में जाम और प्रदूषण बहुत ज्यादा है। जाम की वजह से आज सुबह मुझे नए जजों के शपथग्रहण समारोह में पहुंचने में देरी होने वाली थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वो अगले दस दिनों के अंदर दिल्ली व मेरठ के बीच रेपिड रेल पर विचार करें। और इसकी जानकारी कोर्ट को दें।

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इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि उनके पास इसके लिए पैसे नहीं हैं। दिल्ली सरकार की इस दलील पर कोर्ट ने कहा कि आप ऐसा कहकर अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते हैं। यह सब सिर्फ आम लोगों के लिए ही किया जा रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को एक फरवरी तक राजधानी में पार्किंग पॉलिसी को अंतिम रूप देने को भी कहा है।

दिल्ली की ठंड- दिल्ली में हर दिन शीतलहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ठंड और कोहरे की मार से ना सिर्फ आम जनजीवन परेशान है बल्कि ट्रेन और फ्लाइट सेवा भी प्रभावित हो रही है। बात अगर 17 जनवरी की करें तो दिल्ली का न्यूनतम तापमान 4.2 दर्ज किया गया था जो सामान्य से भी 3 डिग्री कम था। हालांकि दिन के समय में ठंड से थोड़ी राहत मिलती नजर आ रही है लेकिन सुबह औऱ शाम के समय ठिठुरती ठंड से कोई राहत नहीं है।

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