न्यूड होकर पीड़िता से ओरल सेक्स करने के लिए कहा था आसाराम ने

संक्षेप:

  • नाबालिग से रेप केस का मामला
  • आसाराम को उम्रकैद की सजा
  • लड़की ने लगाया था रेप का सनसनीखेज आरोप

आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने नाबालिग लड़की से रेप केस में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी है. साल 2013 में आसाराम के खिलाफ यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली एक लड़की ने रेप का सनसनीखेज आरोप लगाया था. पुलिस शिकायत में पीड़ित लड़की ने बताया था कि आसाराम ने न्यूड होकर उसे ओरल सेक्स करने के लिए कहा था और उसे गलत तरीके से छुआ भी था. आसाराम को भले ही उम्रकैद हो गई है लेकिन पीड़िता और उसके परिवार ने इस दौरान जो लंबा संघर्ष किया और मुश्किलें झेलीं, उसका हिसाब करना नामुमकिन ही है. 

इस दौरान पीड़िता और उसके परिवार को लगातार डर और दहशत के साये में रहना पड़ा.  2014 में ट्रायल शुरू होने के बाद कथित तौर पर आसाराम के समर्थकों द्वारा गवाहों पर हमले भी हुए थे. उसी साल पीड़िता के घर से केवल 7 किमी की दूरी पर एक गवाह को गोली मार दी गई थी. पीड़िता के पिता को लगातार धमकियां मिलती रहीं लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने बताया था कि रिश्तेदारों के जरिए उन्हें धमकी मिली थी कि बयान नहीं बदलने पर 500-700 लोग हमला करेंगे और तुम्हारी बेइज्जती भी होगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की मां ने बताया कि वो साढ़े चार साल से अपने ही घर में जेल की तरह रह रहे हैं. इन सालों में बेटी ने मोबाइल तक नहीं छुआ. उनकी बेटी काफी तकलीफों से गुजरी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. 

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पीड़िता की मां ने बताया, बेटे को तो आए दिन धमकी मिलती रहती है. हम बाहर होते हैं, तो डर लगा रहता है. लोग कहते हैं कि फैसले के बाद मेरी बेटी अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करेगी... पर मैं कहती हूं कि अपनी जिंदगी में इतना पीछे होने के बाद कोई कैसे आगे बढ़ सकता है. हमारे सोचने से कुछ नहीं होता है. ईश्वर साथ है.

ट्रायल शुरू होते ही पीड़िता को बाहरी दुनिया से कटना पड़ा. वह उस समय स्कूल में थी. एक इंटरव्यू में पीड़िता ने बताया, `जब आसाराम गिरफ्तार हुए तो हमें लगा कि हम सुरक्षित हो गए हैं. मैंने कंप्यूटर क्लास भी जाना शुरू कर दिया था. लेकिन तभी धमकियां मिलनी शुरू हो गईं और मुझे घर पर ही रहने को कहा गया.`

जोधपुर कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान पीड़िता को नियमित तौर पर पेश होना पड़ता था. एक साल के गैप के बाद पीड़िता ने प्राइवेट स्टूडेंट के तौर पर फिर से जॉइन किया और कंप्यूटर और होम साइंस जैसे विषय चुने. पीड़िता के मुताबिक, जोधपुर में सुनवाई की वजह से उन्होंने `आसान विषय` लिए थे. 

पीड़िता के पैरेंट्स जो आसाराम के अनुयायी थे, उस पर से `बुरी आत्माओं का साया` हटवाने के लिए आश्रम ले गए थे. उसके इलाज की बात कहकर उसके पैरेंट्स को आसाराम के साथ अकेले छोड़ देने के लिए कहा. 14 अगस्त 2013 को पीड़ित लड़की को आश्रम में आसाराम के पास ले जाया गया. 

पीड़िता ने शाहजहांपुर के सरस्वती शिशु मंदिर से शुरुआती पढ़ाई की. उसके बाद उसे दो साल के लिए उसकी आंटी के पास भेज दिया गया. पीड़िता बताती हैं, जब मैं क्लास-8 में पहुंची तो आसाराम ने मेरे पैरेंट्स से मुझे गुरुकुल भेजने के लिए कहा ताकि मैं `अनुशासित आध्यात्मिक जीवन जी सकूं.` जब वह आसाराम के गुरुकुल में 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही थी तो वह एक दिन हॉस्टल में बेहोश हो गई. बाबा की एक साधक शिल्पी लड़की पर प्रेत का साया बताया और कहा कि आसाराम बापू ही इसका इलाज करेंगे. उसे पूरी रात मंत्रों का जाप कराया गया औऱ उसके बाद `इलाज` के लिए आसाराम के पास ले जाने के लिए कहा गया. 

15 अगस्त 2013 को हुई बलात्कार की घटना के 5 दिन बाद 20 अगस्त को दिल्ली पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. पुलिस शिकायत में पीड़ित लड़की ने बताया था कि उसे ओरल सेक्स करने के लिए कहा गया औऱ उसे गलत तरीके से छुआ गया. आसाराम को 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया गया था.

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