लोकसभा चुनाव को देखते हुए किसानों के लिए बे-सिर पैर की घोषणाएं कर रही बीजेपी: अखिलेश

संक्षेप:

  • अखिलेश यादव ने साधा बीजेपी पर निशाना
  • लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा किसानों के लिए बे-सिर पैर की कर रही घोषणाएं
  • 12 सौ रुपए प्रति कुंतल की दर पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं किसान: अखिलेश

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी में धान क्रय केंद्र नहीं खोले जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव सिर पर आने से भाजपा किसानों के लिए बे-सिर पैर की घोषणाएं करने लगी है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने 750 रुपये प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य घोषित किया है, लेकिन प्रदेश के किसान 12 सौ रुपए प्रति कुंतल की दर पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं.

उन्होंने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा कि सरकार ने मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा तो कर दी, लेकिन अब तक खरीद केन्द्र नहीं खोले, यह किसानों के साथ धोखा है. मक्का से विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियां कार्नफ्लेक्स, सूप, कार्न इत्यादि का सहउत्पाद कर भारी मुनाफा कमा रही हैं. देशी बाजार में किसान को जितना प्रोत्साहन मिलना चाहिए था नहीं मिल रहा है. स्वदेशी आंदोलन की नौटंकी करने वालों को मक्का किसानों की हित चिंता नहीं है. विदेशी कम्पनियों को मक्का किसानों के शोषण का अधिकार देना पसंद है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिलता है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से किसानों को आज तक सिर्फ धोखा ही मिला है. गेंहू-गन्ना किसान तो बुरी तरह कर्जदार हो गए हैं. नीति आयोग ने भी माना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य तो बढ़ा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में धान खरीद के 30 फीसद मामलों में किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में 50 हजार से ज्यादा कर्जदार किसान आत्महत्या कर चुके हैं. फसल में इस्तेमाल होने वाला डीजल, खेत में काम आने वाला बीज, खाद, कीटनाशक सभी महंगे हैं. किसान को दोगनी आय का झांसा दिया गया, पर वहीं ढाक के तीन पात, भाजपा ने जो लागत का डेढ़ गुना देने का वादा किया था उसका भी दूर-दूर तक पता नहीं है.

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