परिवार के साथ VVIP गेस्ट हाउस में शिफ्ट हुए अखिलेश, मायावती भी होंगी शिफ्ट

संक्षेप:

  • अखिलेश ने परिवार के साथ बंगले को छोड़ा
  • अखिलेश के नए अशियाने में चल रहा है काम
  • तब तक VVIP गेस्ट हाउस में रहेंगे अखिलेश

लखनऊ: नेता जी मुलायम सिंह के बाद अखिलेश यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर आवंटित सरकारी बंगला छोड़ दिया है. बंगला खाली करने के आखिरी दिन अखिलेश यादव ने पूरे परिवार के साथ बंगले को छोड़ दिया. अखिलेश यादव नए बंगले में शिफ्ट होने तक वीवीआईपी गेस्ट हाउस में रहेंगे. सपा संरक्षक मुलायम सिंह ने शुक्रवार शाम को ही अपने सरकारी बंगला 5 विक्रमादित्य मार्ग को खाली कर वीवीआईपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 102 में शिफ्ट हो गए. शनिवार दोपहर अखिलेश यादव भी परिवार समेत सरकारी बंगले 4 विक्रमादित्य मार्ग को खाली कर वीवीआईपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 209 में शिफ्ट हुए. अखिलेश ने 4 जून तक गेस्ट हाउस में कमरा आरक्षित करवाया है. यादव परिवार इसके बाद शहीद पथ के पास स्थित अंसल गोल्फ सिटी में दो बंगले को किराया पर लिया है. जिस पर काम चल रहा है. इस बीच अखिलेश के विक्रमादित्य मार्ग स्थित प्लाट पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. जिसमें एक साल का वक्त लगेगा. हालांकि, अखिलेश और मुलायम दोनों ने ही अभी भी बंगले की चाबी राज्य संपत्ति विभाग को नहीं सौंपी है.

दूसरी तरफ, बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा 13ए मॉल एवेन्यू स्थित सरकारी बंगले को बचाने की साड़ी कवायद के बाद वे भी झुकती नजर आ रही हैं. रविवार तक वे भी अपने निजी आवास 9ए मॉल एवेन्यू में शिफ्ट हो जाएंगी.

दरअसल पिछले दिनों मायावती ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से राज्य संपत्ति विभाग को बंगले की चाबी भेजी थी. साथ ही 73 लाख से ज्यादा का बिजली बिल भी भर दिया था. लेकिन उन्होंने जिस बंगले की चाबियां भेजी थी राज्य संपत्ति विभाग ने उसका नोटिस ही जारी नहीं किया था. राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मायावती ने लाला बहादुर शास्त्री मार्ग पर स्थित बंगला नंबर 6 की चाबियां भेजी हैं. अधिकारियों के मुताबिक यह बंगला उनके नाम आवंटित ही नहीं है.

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विभाग के मुताबिक बंगला नंबर 6 फर्जी आदेश से आवंटित हुआ है. उन्होंने बँगला आवंटन के लिए जिस डिस्पैच नंबर का जिक्र किया है वह किसी रेखा नाम की महिला कर्मचारी के नाम पर आवंटित था. यह मामला सामने आने के बाद विभाग ने उच्च स्तरीय जांच शुरू करवाई है. जिसके बाद कहा जा रहा है कि कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

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