मायावती के घर मैराथन बैठक, 12 सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए बना रही हैं रणनीति
- बीएसपी प्रमुख मायावती पार्टी में बड़े बदलाव करने वाली हैं.
- बैठक में मायावती आने वाले उप चुनावों की रणनीति पर चर्चा करेंगी.
- मायावती 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे मे भी चर्चा करेंगी.
लखनऊ: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती पार्टी में बड़े बदलाव करने वाली हैं. चुनाव के बाद नए सिरे से रणनीति बनाने और बसपा में बड़े बदलाव के लिए पार्टी की बैठक बुलाई है. बैठक में हिस्सा लेने के लिए पार्टी के पदाधिकारी लखनऊ स्थित मायावती के आवास पर पहुंचने लगे हैं. इस बैठक में मायावती आने वाले उप चुनावों की रणनीति पर चर्चा करेंगी. आगे पार्टी को कैसे मज़बूत किया जाए और प्रदेश में 12 सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों को लेकर निर्देश भी देंगी.
Lucknow: Bahujan Samaj Party Chief Mayawati holds a meeting of party leaders. Members of Parliament also present. pic.twitter.com/WMEduVhxiI
— ANI UP (@ANINewsUP) June 23, 2019
बसपा के देश भर में विस्तार पर हो रही है चर्चा
ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम
मायावती 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे मे भी चर्चा करेंगी. बैठक में राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के सभी पदाधिकारी और जोनल कोऑर्डिनेटर शामिल हो रहे हैं. इस बैठक में मायावती देशभर में बहुजन समाज पार्टी के विस्तार करने, नई रणनीति बनाने, उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तैयारियों और पार्टी में बदलाव को लेकर चर्चा करेंगी. इस दौरान मायावती बीएसपी के पदाधिकारियों से समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन को लेकर स्थिति साफ कर सकती हैं, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं में गठबंधन के टूटने को लेकर कोई दुविधा न रहे.
लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था. हालांकि दोनों पार्टियों को संतोषजनक नतीजे नहीं मिले. बहुजन समाज पार्टी को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 10 और समाजवादी पार्टी को महज 5 सीटों पर ही जीत मिली.
मिशन-2022 का लक्ष्य
बसपा उपचुनाव के सहारे 2022 के विधानसभा चुनाव का रास्ता तैयार करने की तैयारी में जुट गई है. लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद से यूपी में नंबर दो की हैसियत मिलने से मायावती को लगने लगा है कि पार्टी उपचुनाव में भी बहुत ज्यादा सीटों पर सफलता हासिल कर लेगी और अगले विधानसभा चुनाव में भी बाजी मार सकती है. लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा के उपचुनाव में भी बसपा के लिए हारने को कुछ है नहीं, जीतने को सारा मैदान और लड़ने का भरपूर माद्दा भी है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर और सपा-कांग्रेस गठबंधन से अकेले लोहा लेकर भी मायावती अपना `बेस वोट` बचाने में सफल रहीं हैं. इसीलिए बसपा मुखिया ने गठबंधन के बैगर ही उपचुनाव में अकेले हाथ अजमाने की सोची है. बसपा प्रमुख मायावती के पास उपचुनाव की 11 में से कम से कम चार सीटों पर जीत की उम्मीदें सजाने का आधार जरूर है.
सपा-बसपा दोनों के मंसूबे पर पानी फिरा
सूत्रों का कहना है कि गठबंधन में दोनों दलों के बीच यह सहमति बनी थी कि सपा लोकसभा चुनाव में मायावती को प्रधानमंत्री के तौर पर पेश कर अपनी रजामंदी देगी, जबकि बसपा 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के पद का समर्थन करेगी. बसपा केंद्र की राजनीति में रहेगी और सपा यूपी की सियासत को संभालेगी. इसीलिए गठबंधन भी बना था, लेकिन चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में आने से दोनों के मंसूबों पर पानी फिर गया.
हालांकि, भविष्य की राजनीति के लिए मायावती शायद अभी समीक्षा और संगठन की ताकत परखने के मूड में हैं. शायद इसीलिए उपचुनाव के लिए गठबंधन तोड़ने के बाद भी सपा से पूरी तरह ब्रेकअप न होने की बात कहकर फिर हाथ मिलाने का विकल्प खुला रखा है. उपचुनावों के नतीजे काफी हद तक एक इशारा कर ही देंगे कि अब अकेले सियासी सफर बसपा के लिए मुश्किल होगा या सामान्य.
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
Read more Lucknow की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।