लखनऊ की सड़कों पर BEd TET अभ्यर्थियों का जनसैलाब, निकाली तिरंगा यात्रा

संक्षेप:

  • बीएड टीईटी 2011 उत्तीर्ण अभ्यर्थी का प्रदर्शन
  • 29 मई को भी फूटा था अभ्यर्थियों का गुस्सा
  • पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्का मुक्की

लखनऊ के ईको गार्डन में कई दिनों से आंदोलन कर रहे बीएड टीईटी 20111 उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बुधवार को लोकभवन तक तिरंगा मार्च निकालने का ऐलान कर​ दिया. इस दौरान हजारों की संख्या में प्रदेश भर से अभ्यर्थी ईको गार्डन में जुट गए. ईको गार्डन में अभ्यर्थियों का सैलाब दिखाई देने लगा. इस दौरान अभ्यर्थी तिरंगा मार्च निकालने के लिए ईको गार्डन के गेट से बाहर निकलने की कोशिश करने लगे. पुलिस ने एहतियातन ईको गार्डन के सभी गेट बंद कर दिए. पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच धक्का मुक्की भी हुई.

बता दें नियुक्ति की मांग को लेकर अभ्यर्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करना चाहते हैं. सुबह जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से मुलाकात कर थोड़ी देर का समय और मांगा. लेकिन बात नहीं बनी तो आखिरकार अभ्यर्थियों ने तिरंगा मार्च निकालने का ऐलान कर दिया.

उधर अभ्यर्थियों को रोकने के लिए ईको गार्डन के बाहर भारी संख्या में कई थानों की पुलिस फ़ोर्स तैनात की गई है. खुद मुख्यमंत्री ने अभ्यर्थियों की समस्या को लेकर 3 सदस्यीय समिति गठित की है. अभ्यर्थियों का कहना है कि उनसे 5 से 6 जून तक मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन इस पर अभी तक कोई अमल नहीं हो रहा है.

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बता दें, इससे पहले 29 मई को लखनऊ में बीएड टीईटी 2011 के प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच तगड़ी झड़प हो गई थी. इस दौरान पुलिस ने जहां लाठीचार्ज किया, वहीं अभ्यर्थियों ने भी पुलिस पर पथराव किया. दोनों पक्षों की भिड़ंत में कई पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए. लखनऊ के कैंट क्षेत्र में पुलिस और प्रदर्शनकारियों की भिड़ंत के दौरान दो रोडवेज बस और कई गाड़ियों के शीशे भी टूटे. दरअसल नियुक्ति की मांग लेकर हजारों अभ्यर्थी विधानसभा घेराव करने जा रहे थे.

दरअसल, 30 नवंबर 2011 में 72,825 पदों पर भर्ती निकाली गई थी. इन पदों पर टीईटी के अंकों पर भर्ती होनी थी, जिसे अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट इलाहबाद में चैलेंज किया था. अभ्यर्थियों ने अकादमिक मेरिट पर भर्ती की मांग रखी थी. इसी बीच 2012 में सपा सरकार आ गई और सरकार ने टीईटी मेरिट पर आधारित विज्ञापन को रद्द करके, 7 दिसंबर 2012 को 72825 पदों के लिए अकादमिक मेरिट के आधार पर नया विज्ञापन जारी किया गया. पुराना मामला कोर्ट में चलता रहा.

मुकदमे के दौरान इलाहबाद कोर्ट ने पुराने विज्ञापन को भी सही मानते हुए, उस पर ही भर्ती का आदेश दिया. यह आदेश नवंबर 2014 में आया. सपा सरकार ने विज्ञापन बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. अभ्यर्थियों के अनुसार 25 जुलाई 2017 को SC ने अपने आदेश में नए विज्ञापन को सही मानते हुए अब तक हुए अंतरिम आदेशों पर हुई भर्तियों को सुरक्षित करते हुए, नए विज्ञापन पर भी भर्ती की सरकार को छूट दी. लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी भर्ती नहीं हो सकी है.

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