अलीगढ़ स्कूल की किताब में जाकिर नाईक को बताया हीरो
- स्कूल ने किताब को छपवाया
- 2 साल पहले छपी थी किताब
- स्कूल को नोटिस देंगे: BSA
अलीगढ़ः भड़काऊ भाषण देने के आरोपों से घिरे डॉ. जाकिर नाईक को अलीगढ़ के एक स्कूल में इस्लामिक `हीरो` बताकर पढ़ाया जा रहा है। शहर के इस्लामिक मिशन स्कूल में बच्चों को `इल्म-उन-नफे` नाम की किताब बच्चों को दी गई है।
अलीगढ़ के क्वार्सी थाना इलाके के नगला पटवारी में इस्लामिक मिशन स्कूल है। स्कूल में जो किताबे पढ़ाई जा रही है, उसमे एक किताब `इल्म-उन-नफे` के पेज नंबर- 20 में इस्लाम के हीरो दिए गए हैं। इनमे नौ लोगों के चित्र है। नाम नीचे देकर उन्हें पहचानने को कहा गया है। नौ लोगों की फोटो में तीसरी वाली लाइन में डॉ जाकिर नाइक का फोटो भी है। उसको पहचानने को कहा गया है।
स्कूल ने किताब को छपवाया
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इस किताब को इस्लामिक मिशन स्कूल ने छपवाया है। शहर में ही स्थित इस्लामिक मिशन स्कूल के मालिक डॉ. कोनेन कौसर ही पुस्तक `इल्म-उन-नफे` को एडिट किया है। इस किताब को लेकर दावा किया है कि इसे पढ़ने से बच्चों का सामान्य ज्ञान बढ़ता है।
स्कूल को नोटिस देंगे: BSA
बीएसए धीरेन्द्र कुमार ने कहा- "जाकिर नाईक को पढ़ाने पर अलीगढ के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने स्कूल को नोटिस देने की बात कही है। डॉ जाकिर नाईक को बतौर हीरो पढ़ाया जा रहा है ,जो देश विरोध गतिविधि में आती है। नोटिस देने के बाद मान्यता समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी।
2 साल पहले छपी थी किताब
स्कूल प्रबंधक ने कहा- "दो साल पहले जब यह किताब छापी गई थी तब जाकिर नाईक पर कोई मामला नहीं था। अब नई पुस्तक जल्द ही छपकर आ जाएगी।
कौन है जाकिर नाइक?
जाकिर का जन्म मुंबई में 18 अक्टूबर 1965 को हुआ था। जाकिर ने एमबीबीएस किया है। वो एक मुस्लिम धर्मगुरु, राइटर और स्पीकर है। इसके अलावा वो इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन या आईआरएस का फाउंडर और प्रेसिडेंट है। फेसबुक पर उसके 1 करोड़ 14 लाख फॉलोअर हैं। नाइक पर यूके, कनाडा, मलेशिया समेत 5 देशों में बैन है। जाकिर के इस्लामिक फाउंडेशन को भारत और विदेशों से जकात के तौर पर भरपूर डोनेशन मिलता है। जाकिर एक स्कूल भी चलाता है, जिसमें लेक्चर, ट्रेनिंग, हाफिज बनने की क्लास और इस्लामिक ओरिएंटेशन प्रोग्राम होते हैं।
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