UP में टूटा बुआ-बबुआ का गठबंधन! मायावती का फैसला-अकेले लड़ेंगी उपचुनाव

संक्षेप:

  • उम्‍मीद के अनुसार नतीजे न आने से नाखुश बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की मीटिंग में कहा है कि यूपी के 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी.
  • पार्टी पदाधिकारियों से मिले फीडबैक के बाद मायावती ने बैठक में कहा कि गठबंधन का वोट चुनावों में ट्रान्सफर नहीं हुआ, लिहाजा आगामी उपचुनाव में बसपा अकेले ही लड़ेगी.
  • जानकारों की मानें तो उपचुनाव लड़ने का फैसला चौंकाने वाला है, क्योंकि बसपा के इतिहास को देखें तो पार्टी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती है.

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद उम्‍मीद के अनुसार नतीजे न आने से नाखुश बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी की मीटिंग में कहा है कि यूपी के 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के सेंट्रल ऑफिस में सोमवार को हुई समीक्षा बैठक में मायावती गठबंधन से नाखुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि गठबंधन से पार्टी को फायदा नहीं हुआ. 

सूत्रों की मानें तो पार्टी पदाधिकारियों से मिले फीडबैक के बाद मायावती ने बैठक में कहा कि गठबंधन का वोट चुनावों में ट्रान्सफर नहीं हुआ, लिहाजा आगामी उपचुनाव में बसपा अकेले ही लड़ेगी. गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में 11 प्रत्‍याशी जीत कर संसद पहुंचे हैं, जिसके बाद खाली हुई सीटों पर छह माह के भीतर चुनाव होने हैं. इन 11 सीटों में से बसपा के एक और सपा के एक विधायक भी संसद पहुंचने में कामयाब रहे हैं. जलालपुर से बसपा विधायक रितेश पांडेय अम्बेडकरनगर से चुने गए हैं और रामपुर से सपा के आजम खान सांसद बने हैं.

आमतौर पर उपचुनाव नहीं लड़ती बसपा

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जानकारों की मानें तो उपचुनाव लड़ने का फैसला चौंकाने वाला है, क्योंकि बसपा के इतिहास को देखें तो पार्टी उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारती है. वर्ष 2018 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे और सपा को समर्थन दिया था. इसी आधार पर लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन बना, लेकिन परिणाम मनमाफिक नहीं आए. अब अगर मायावती अकेले उपचुनाव में उतरने का फैसला करती हैं तो गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठाना लाजमी है.

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