योगी सरकार ने 46 मदरसों का रोका अनुदान,  जानिए क्या है जानकारों की राय

संक्षेप:

  • योगी सरकार ने 46 मदरसों का रोका अनुदान
  • धांधली की शिकायतों पर एक्शन
  • यूपी 560 मदरसों को अनुदान राशि देती है सरकार

लखनऊः बुद्धवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के 46 मदरसों पर अनुदान को बंद करने का आदेश आया। ये आदेश डीआईओएस की रिपोर्ट के बाद आया है। इस मामले में यह जानना जरूरी है कि आखिर मुस्लिम धर्म गुरुओं की और जानकारों की क्या राय है।

मुस्लिम धर्मगुरु सैयद सैफ अब्बास ने कहा कि मोदी और योगी सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं लेकिन मदरसों पर धर्म की राजनीति कर रही है। मौलाना ने NYOOOZ को बताया कि क्या माध्यमिक शिक्षा में गड़बड़ी नही होती फिर उस पर कोई कार्रवाई क्यो नही होती।

बोले संस्कृत विद्यालय भी चल रहे हैं उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती क्या इन जगहों पर कुछ कम या ज्यादा नहीं होता। बोले कि केवल एक धर्म से ही यह सौतेलापन क्यों आखिर इसका जवाब दें।लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 46 मदरसों के अनुदान पर रोक लगा दी है। डीआईओएस की रिपोर्ट आने के बाद ये फैसला लिया गया है। इस आदेश के बाद मुस्लिम समुदाय के जानकारों और उलेमाओं का क्या कहना है यह भी जानना जरूरी है।

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आपको बता दें कि योगी के इस फैसले पर मुस्लिम धर्मगुरु सैयद सैफ अब्बास ने कहा कि मोदी और योगी सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं लेकिन मदरसों पर धर्म की राजनीति कर रही है। मौलाना ने NYOOOZ को बताया कि क्या माध्यमिक शिक्षा में गड़बड़ी नही होती फिर उस पर कोई कार्रवाई क्यो नही होती।

बोले संस्कृत विद्यालय भी चल रहे हैं उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती क्या इन जगहों पर कुछ कम या ज्यादा नहीं होता। बोले कि केवल एक धर्म से ही यह सौतेलापन क्यों आखिर इसका जवाब दें।

वहीं देश की जानी मुस्लिम ऐक्टिविस्ट ताहिर हसन ने NYOOOZ को बताया कि मदरसों पर कोई भी अंकुश लगा देने से देश का विकास तो नही होगा लेकिन अगर सरकार मदरसों को मजबूत करने पर ध्यान दे तो शायद कुछ अच्छा हो। बोली कि मैं इसके पक्ष में नहीं कि मदरसे गलत करे और सरकार चुप रहे सरकार को कार्रवाई करने का हक है।

लेकिन अगर कोई ठोस बातचीत हो और अच्छा शिक्षा का प्रोसेस लाया जाए तो मुझे लगता है कि ज्यादा बेहतर होगा। मदरसों में सरकार सभी सब्जेक्ट्स को पढ़ाने पर ध्यान दे बजाय सुविधाओं को रोकने के और मदरसों को मोर्डन बनाने की कोशिश करें।

वहीं मुस्लिम मामलों के जानकार हसीब सिद्दीकी ने कहा कि ये सही है कि अगर मदरसे कुछ गलत करें तो उन पर कार्रवाई करो लेकिन जब धर्म की राजनीति झलकती है तो देश, प्रदेश और समुदायों के बीच भी टूटन पैदा होती है। मेरा मानना ये है कि सरकार पहले हर बात को समझे सोचे और फिर निर्णय ले। जो गलत है उसे दंड भी दे लेकिन धर्म की राजनीति सही नहीं है।

लेखक एवं बड़े विचारक मेहँदी अब्बास रिज़वी का कहना है कि अनुदान रोकने से अगर देश का विकास होता है तो सरकार बिल्कुल रोक दे। बोले कि मुझे यह नही समझ आता कि बड़े विभागों में जो आये दिन कुछ अधिकारी गड़बड़ी करते हैं उन पर सरकार क्यों कोई कार्रवाई नही करती। गड्ढा मुक्त सड़क जो अधिकारी नही कर पाए उन पर कोई अंकुश क्यो नहीं। साफ दिख रहा है कि सरकार धर्म की राजनीति कर रही है।

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