देवबंद का तुगलकी फरमान, 1 जनवरी को ना मनाएं नया साल

संक्षेप:

  • देवबंद के धर्मगुरुओं द्वारा एक तुगलकी फरमान जारी
  • नए साल का जश्न 1 जनवरी को नहीं मनाने का फरमान
  • केक काटना भी इस्लाम में जायज नहीं है – देवबंद

देवबंद के धर्मगुरुओं द्वारा एक तुगलकी फरमान जारी किया गया है। देवबंद ने नए साल का जश्न 1 जनवरी को नहीं मनाने का फरमान जारी किया है। मदरसा जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती तारिक कासमी का कहना है कि नए साल की जश्न मनाना इस्लाम में जायज नहीं है इसके साथ ही कहा गया है कि केक काटना भी इस्लाम में जायज नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस्लाम में एक जनवरी पर नए साल की मुबारकबाद देना या फिर जश्न मनाना जायज नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इस्लाम में जन्मदिन मनाना या केक काटना भी नाजायज बताया गया है। इस्लाम धर्म से जुड़े लोगों को इस तरह की परंपराओं से दूर रहना चाहिए। मुफ्ती तारिक ने कहा कि इस्लाम धर्म में नया वर्ष मोहर्रम माहिने से आरंभ होता है।

वहीं, कुछ हिंदू संगठनों ने कहा कि हिन्दू शास्त्रों में नए साल की शुरुआत चैत्र के नवरात्र के पहले दिन होती है। उसी दिन से नया नव विक्रम संवत शुरू होता है। नया साल उस दिन मनाना चाहिए। दोनों समुदाय के धर्मगुरुओं ने कहा कि 1 जनवरी को नया साल अंग्रेज मनाते हैं, हमें इससे परहेज करना चाहिए।

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दारुल उलूम देवबंद ने 2015 में अपने कैंपस में स्‍मार्ट फोन के इस्‍तेमाल पर बैन लगा दि‍या है। दारुल उलूम प्रशासन ने फरमान जारी करते हुए कहा है कि स्‍मार्ट फोन के इस्तेमाल से छात्र अपने उद्देश्य से भटक रहे हैं। छात्रों को अनुशासन में रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।

 

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