मिशन 2019 के लिए आज मेरठ में होंगी मायावती की महारैली

संक्षेप:

  • सियासी गलियारे में स्थिति मजबूत करने में जुटी मायावती
  • राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मायावती की पहली रैली
  • 70 विधानसभा सीटों पर रहेगा फोकस, विरोधियों पर करेगी वार

मेरठः बीएसपी प्रमुख मायावती अपनी सियासी ताकत की फिर से मजबूत करने के लिए सोमवार को मेरठ में रैली की शुरुआत कर रही हैं। राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मायावती वे पहली महारैली को मेरठ में संबोधित करेंगी। बीएसपी की इस रैली में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के कार्यकर्ता शामिल होंगे। बीएसपी की महारैली मेरठ के सुभारती मेडिकल कॉलेज के सामने वाले मैदान में है।

आपको बता दें राज्यसभा से इस्तीफे के बाद मायावती 2019 की 70 विधानसभा सीटों पर फोकस करते हुए बीजेपी पर दावा बोलने जा रही है। इस महारैली में माया दलितों, मुस्लिमों और पिछड़ों को साथ जोड़ने की कोशिश करेंगी। साथ ही माया तीनों मंडलों की समीक्षा बैठक भी लेंगी। मेरठ रैली में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की 70 विधानसभा सीटों पर फोकस करते हुए रैली होगी। बीएसपी का मकसद है कि इस रैली में जहां दलित उत्पीड़न के विरोध में इस समाज की भागीदारी बढ़े।

वहीं दलित-मुस्लिम एकता का संदेश देने के लिए अल्पसंख्यकों की भी बड़ी मौजूदगी जरूर हो। इसी के साथ पिछड़ों के साथ होने का संदेश पूरे सूबे में जाए। इस महारैली में माना जा रहा है कि बीएसपी सुप्रीमो के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी होंगे। बीएसपी नेता हाजी याकूब कैरशी ने कहा कि बहनजी इस महारैली में दलित उत्पीड़न के मुद्दे को उठाएंगी। कुरैशी ने कहा यूपी में योगी सरकार के आने के बाद राज्य में दलितों के साथ लगातार उत्पीड़न हो रहा है।

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मेरठ की महारैली में हर विधानसभा से करीब 10 हजार से 15 लोगों के आने का अनुमान है। मेरठ के सरधना से प्रत्याशी रहे हाफिज इमरान याकूब ने कहा कि मेरठ की रैली एक ऐतिहासिक रैली होगी और करीब 5 लाख लोगों की भीड़ जुटेगी। मायावती इस बात को बाखूबी जानती हैं कि पहली रैली उनके दोस्त और दुश्मन दोनों की नजर है। ऐसे में उनकी पहली रैली बाकी की रैली के माहौल को बनाने की भूमिका अदा करेंगी। इसीलिए वह किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसीलिए उन्होंने अपने गढ़ से हुंकार भरने का फैसला किया है, ताकि बाकी होने वाली रैलियां भी सफल हो सकें।

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