मेरठ सीसीएसयू में फिजिकल एजुकेशन का बदला सिलेबस, बीए में कंचे, गिल्ली-डंडा और गोटी खेलेंगे छात्र-छात्राएं

संक्षेप:

  • सीसीएसयू में बीए फिजिकल एजुकेशन के सिलेबस में आया बदलाव 
  • हर सेमेस्टर में एक खेल लेना होगा
  • अब तक एक भी ट्रेडिशनल खेल नहीं था

मेरठ। मेरठ सीसीएसयू ( चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय) कैंपस-कॉलेजों में रविवार को बोर्ड ऑफ स्ट्डीज की बैठक हुई। बैठक में फिजिकल एजुकेशन के नए सिलेबस को लेकर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सीसीएसयू में बीए फिजिकल एजुकेशन के छात्र-छात्राएं अब कंचे, गिल्ली-डंडा, गोटी और काई डंडा जैसे स्थानीय खेल भी खेलेंगे। इसके साथ ही कॉमनवेल्थ, एशियन और ओलंपिक खेलों तक पहुंचने वाले खिलाड़ी भी सिलेबस में शामिल होंगे।

अब तक एक भी ट्रेडिशनल खेल नहीं था

सीसीएसयू में अब तक एक भी ट्रेडिशनल खेल नहीं था। नए सिलेबस में ट्रेडिशनल खेलों में कंचे, गिल्ली-डंडा, गोटी और काई डंडा को शामिल किया गया है। बाकी खेल यथावत रहेंगे। इसके अलावा योग को खेलों से जोड़ा गया है।

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हर सेमेस्टर में एक खेल लेना होगा

पंतजलि के योग सूत्र को भी सिलेबस में शामिल किया गया है। हर सेमेस्टर में एक खेल लेना होगा। इसके साथ ही वेस्ट यूपी के जो खिलाड़ी कॉमनवेल्थ, एशियन और ओलंपिक खेलों तक पहुंचे हैं, उन सभी को सिलेबस में शामिल किया जाएगा।

हर स्ट्रीम के छात्र ले सकेंगे फिजिकल एजुकेशन 

फिजिकल एजुकेशन विषय को सिर्फ बीए वाले छात्र-छात्राएं ही नहीं बल्कि साइंस और कॉमर्स वाले छात्र-छात्राएं भी ले सकेंगे। कॉलेजों में खेलों को वहां की स्थिति को देखते हुए दिया जाएगा।

वेबसाइट पर भी देनी होगी स्पष्ट जानकारी

सभी कॉलेजों को उनके यहां खेल संसाधनों के बारे में वेबसाइट पर भी स्पष्ट जानकारी देनी होगी जिससे छात्र-छात्राओं को बाद में कोई समस्या न आए। बोर्ड ऑफ स्ट्डीज की बैठक में कला संकायाध्यक्ष प्रो. नवीन चंद्र लोहनी, डॉ. केजी पांडे, डॉ. एसएन सिंह और समिति के अन्य सदस्य शामिल रहे।

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