Vodafone और Idea मर्जर, अब नए नामों में उलझी कंपनी

संक्षेप:

  • आइडिया वोडाफोन के साथ हुई मर्जर
  • कंपनी को नया नाम देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है
  • ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ करने का प्रस्ताव रखा है

आइडिया यूजर्स के लिए एक बड़ी खबर है, दरअसवल आइडिया कंपनी अपना नाम बदलने जा रही है। जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है। कंपनी ने इसके लिए 26 जून को ईजीएम बुलाई है। दरअसल, वोडाफोन और आइडिया मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी को नया नाम देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आदित्य बिड़ला ग्रुप की कंपनी आइडिया सेल्युलर के मुताबिक, वोडाफोन के साथ मर्जर के बाद नई कंपनी का नाम ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ करने का प्रस्ताव रखा गया है।

मर्जर के बाद बनने वाली नई कंपनी देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी होगी। इस प्रस्ताव पर शेयरहोल्डर्स की मंजूरी लेने के लिए आइडिया ने 26 जून को एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग बुलाई है। आपको बता दें, आइडिया सेल्युलर का स्वामित्व कुमार मंगलम बिड़ला के पास है। कंपनी ने शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी गई फाइलिंग में 26 जून को ईजीएम की जानकारी दी है। कंपनी ने यह भी बताया कि होने वाली ईजीएम में कंपनी के नाम में बदलाव पर चर्चा होगी। साथ ही नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स के माध्यम से लगभग 15 हजार करोड़ रुपए जुटाने पर विचार किया जाएगा।

देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन और आइडिया मर्जर के अंतिम दौर में हैं। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में नए सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉरपोरेशन जारी होने के बाद आइडिया सेल्युलर लिमिटेड का नाम बदलकर ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) से मर्जर को अंतिम मंजूरी मिलने वाली है। यह फाइनल स्टेज में है। मर्जर के बाद नई कंपनी में वोडाफोन के पास 45.1 फीसदी, आदित्य बिड़ला ग्रुप की 26 फीसदी और आइडिया के शेयरधारकों के पास 28.9 फीसदी हिस्सेदारी होगी। नई कंपनी के पास पहले दिन से ही लगभग 43 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स होंगे।

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ऐसे में कंपनी का नाम बदलने पर आइडिया और वोडाफोन के यूजर्स नई कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के ग्राहक बन जाएंगे। नई कंपनी के ऑफर्स और नए प्लान का फायदा उन्हें मिलेगा। इसके अलावा, जियो और एयरटेल से टक्कर लेने के लिए कंपनी यूजर्स को कुछ अतिरिक्त बेनिफिट्स भी दे सकती है। आपको बता दें कि 26 जून को होने वाली ईजीएम में कंपनी का नाम बदलने के अलावा NCD के जरिए 15 हजार करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी। इसके लिए कंपनी के मेंबर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से मंजूरी ली जानी है। कंपनी रिजॉल्यूशन पास होने की तारीख से एक साल के भीतर प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर फंड जुटाने के लिए ईजीएम से मंजूरी लेगी।

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